HindiVyakran
- नर्सरी निबंध
- सूक्तिपरक निबंध
- सामान्य निबंध
- दीर्घ निबंध
- संस्कृत निबंध
- संस्कृत पत्र
- संस्कृत व्याकरण
- संस्कृत कविता
- संस्कृत कहानियाँ
- संस्कृत शब्दावली
- पत्र लेखन
- संवाद लेखन
- जीवन परिचय
- डायरी लेखन
- वृत्तांत लेखन
- सूचना लेखन
- रिपोर्ट लेखन
- विज्ञापन
Header$type=social_icons
- commentsSystem
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध। Essay Population Explosion in Hindi
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध। Essay Population Explosion in Hindi : जनसंख्या विस्फोट वह स्थिति है जिसमें जनसंख्या उपलब्ध साधनों के आगे बढ़ जाती है। भारत में यह स्थिति बहुत ही निकट भविष्य में पहुंच जाएगी। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या लगभग 121 करोड़ थी। 2001 में जनसंख्या लगभग 100 करोड़ थी। इस प्रकार एक दशक में 22% की बढ़ोतरी हुई। यदि हम इन आंकड़ों की तुलना इससे पूर्व की जनगणना के आंकड़ों से करें तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि औसतन प्रत्येक 10 वर्षों में जनसंख्या लगभग 25% बढ़ी है। अनेक उपायों को अपनाने के बावजूद हम पर्याप्त रूप से इस प्रतिशत को घटाने में सफल नहीं रहे हैं। नतीजा यह है कि हमारे यहां जनसंख्या विस्फोट का खतरा उत्पन्न हो गया है और हम जनसंख्या विस्फोट की ओर बढ़ रहे हैं।
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध। Essay P opulation Explosion in Hindi
Please koi jansankhya ke khilap kanun banao
100+ Social Counters$type=social_counter
- fixedSidebar
- showMoreText
/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list
- गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...
- दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...
- अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...
RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0
- 10 line essay
- 10 Lines in Gujarati
- Aapka Bunty
- Aarti Sangrah
- Akbar Birbal
- anuched lekhan
- asprishyata
- Bahu ki Vida
- Bengali Essays
- Bengali Letters
- bengali stories
- best hindi poem
- Bhagat ki Gat
- Bhagwati Charan Varma
- Bhishma Shahni
- Bhor ka Tara
- Boodhi Kaki
- Chandradhar Sharma Guleri
- charitra chitran
- Chief ki Daawat
- Chini Feriwala
- chitralekha
- Chota jadugar
- Claim Kahani
- Dairy Lekhan
- Daroga Amichand
- deshbhkati poem
- Dharmaveer Bharti
- Dharmveer Bharti
- Diary Lekhan
- Do Bailon ki Katha
- Dushyant Kumar
- Eidgah Kahani
- Essay on Animals
- festival poems
- French Essays
- funny hindi poem
- funny hindi story
- German essays
- Gujarati Nibandh
- gujarati patra
- Guliki Banno
- Gulli Danda Kahani
- Haar ki Jeet
- Harishankar Parsai
- hindi grammar
- hindi motivational story
- hindi poem for kids
- hindi poems
- hindi rhyms
- hindi short poems
- hindi stories with moral
- Information
- Jagdish Chandra Mathur
- Jahirat Lekhan
- jainendra Kumar
- jatak story
- Jayshankar Prasad
- Jeep par Sawar Illian
- jivan parichay
- Kashinath Singh
- kavita in hindi
- Kedarnath Agrawal
- Khoyi Hui Dishayen
- Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
- Madhur madhur mere deepak jal
- Mahadevi Varma
- Mahanagar Ki Maithili
- Main Haar Gayi
- Maithilisharan Gupt
- Majboori Kahani
- malayalam essay
- malayalam letter
- malayalam speech
- malayalam words
- Mannu Bhandari
- Marathi Kathapurti Lekhan
- Marathi Nibandh
- Marathi Patra
- Marathi Samvad
- marathi vritant lekhan
- Mohan Rakesh
- Mohandas Naimishrai
- MOTHERS DAY POEM
- Narendra Sharma
- Nasha Kahani
- Neeli Jheel
- nursery rhymes
- odia letters
- Panch Parmeshwar
- panchtantra
- Parinde Kahani
- Paryayvachi Shabd
- Poos ki Raat
- Portuguese Essays
- Punjabi Essays
- Punjabi Letters
- Punjabi Poems
- Raja Nirbansiya
- Rajendra yadav
- Rakh Kahani
- Ramesh Bakshi
- Ramvriksh Benipuri
- Rani Ma ka Chabutra
- Russian Essays
- Sadgati Kahani
- samvad lekhan
- Samvad yojna
- Samvidhanvad
- Sandesh Lekhan
- sanskrit biography
- Sanskrit Dialogue Writing
- sanskrit essay
- sanskrit grammar
- sanskrit patra
- Sanskrit Poem
- sanskrit story
- Sanskrit words
- Sara Akash Upanyas
- Savitri Number 2
- Shankar Puntambekar
- Sharad Joshi
- Shatranj Ke Khiladi
- short essay
- spanish essays
- Striling-Pulling
- Subhadra Kumari Chauhan
- Subhan Khan
- Suchana Lekhan
- Sudha Arora
- Sukh Kahani
- suktiparak nibandh
- Suryakant Tripathi Nirala
- Swarg aur Prithvi
- Tasveer Kahani
- Telugu Stories
- UPSC Essays
- Usne Kaha Tha
- Vinod Rastogi
- Vrutant lekhan
- Wahi ki Wahi Baat
- Yahi Sach Hai kahani
- Yoddha Kahani
- Zaheer Qureshi
- कहानी लेखन
- कहानी सारांश
- तेनालीराम
- मेरी माँ
- लोककथा
- शिकायती पत्र
- हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
- हिंदी कहानी
RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5
Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.
Join with us
Footer Social$type=social_icons
- loadMorePosts
Self Study Mantra (Hindi)
- निबंध लेखन
- जीवन परिचय
- 10 लाइने
- Essay in English
जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण | जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (Essay on Population Explosion in Hindi)
जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (essay on population explosion in hindi ).
वर्तमान समय में विश्व की जनसँख्या लगभग 770 करोड़ (2020) है जो लगातार बढ़ती जा रही है। और यदि बढ़ती जनसँख्या के रफ़्तार पर रोक न लगायी गयी तो आने वाले समय में सम्पूर्ण संसार को इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। बढ़ती जनसँख्या की जरुरतो को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्रतिदिन दोहन हो रहा है। एक ओर जहाँ प्राकृतिक संसाधन सीमित होने के कारण उनमे कमी हो रही है वही दूसरी ओर बढ़ती जनसँख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर भार बढ़ता जा रहा है। इसलिए अगर जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जनसंख्या विस्फोट पर इस निबंध में है जनसँख्या में वृद्धि के कारण और जनसँख्या वृद्धि को रोकने के उपाय पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण निबंध (Jansankhya visfot par nibandh)
जनसँख्या विस्फोट से आशय जनसँख्या में तीव्र वृद्धि से है। विश्व की जनसँख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यूनाइटेड नेशन के अनुमान के अनुसार विश्व की जनसँख्या 2050 तक 973 करोड़ को पार कर जायेगी जो वर्तमान समय में लगभग 770 करोड़ (2020) है। इतनी तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसँख्या प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ मानव जाति के लिए हानिकारक है। बढ़ती जनसँख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधाधुंध दोहन आने वाले समय में न सिर्फ मनुष्य वरन सभी जीवधारियों की विनाशकारी साबित हो सकता है।
तो अब सवाल इस बात का है कि बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार कौन हैं ? क्या मनुष्यों में संतानोत्पत्ति की इच्छा बढ़ती जनसँख्या के लिए उत्तरदायी है या फिर अशिक्षा,अन्धविश्वास एवं गरीबी? या यह धर्म को बढ़ावा देने के लिए किसी एक धर्म विशेष की बढ़ती जनसँख्या का परिणाम है।
जनसँख्या विस्फोट का कारण निबंध (jansankhya visphot ke kya karan hai)
अशिक्षा, अन्धविश्वास एवं गरीबी जनसँख्या विस्फोट के लिए कुछ प्रमुख कारण हैं। प्राचीन काल से ही संतान की उत्पति ईश्वर की इच्छा माना जाता है। अशिक्षित लोग आज भी इसे ईश्वर की इच्छा मानते हैं। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं होती है की उनके संतान के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति कहाँ से होगी। उनका मानना है कि जिस भगवान या अल्लाह ने हमें संतान दी है वे हमारे बच्चों के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि का भी प्रबंध करेंगे और अगर वे भूखें मरते हैं तो भी वे बोलते हैं यही भगवान या अल्लाह की इच्छा है। यह अशिक्षा एवं अन्धविश्वास नहीं तो और क्या है ? जो जनसंख्या वृद्धि के लिए सर्वाधिक उत्तरदायी हैं।
कुछ लोगों की मानसिकता यह है कि संतान ही सम्पति है। वे कहते हैं जितने अधिक बच्चे होंगे उतने ही अधिक पैसे कमाएंगे और इस विचार के साथ कई बच्चों को जन्म देते है। प्रायः इस प्रकार की मानसिकता रखने वाले लोग अशिक्षित एवं गरीब होते हैं जिससे अशिक्षा, गरीबी एवं जनसंख्या विस्फोट विकराल रूप धारण करती जा रही है।
कुछ वर्षो पूर्व भारत जैसे बहुत से देशों में एबॉर्शन जैसी सुविधा या इसके लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। जिससे लोग न चाहते हुए भी अधिक संतानों को जन्म दिया। हालाँकि अब यह समस्या लगभग समाप्त हो गयी है।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि एक धर्म के लोग अपनी जनसँख्या को बढ़ाने के लिए अपने अनुयायिओं को कई संतान पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जिससे उस व्यक्तिगत समुदाय या धर्म की जनसँख्या बढ़ने के साथ - साथ विश्व की जनसँख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है।
जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय निबंध (Jansankhya vridhi rokne ke upay)
सीमित प्राकृतिक संसाधनों के तुलना में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या वैश्विक चिंता का विषय है। उपरोक्त बिंदुओं से यह स्पष्ट है कि अशिक्षा, अन्धविश्वास, गरीबी, एवं जागरूकता का अभाव जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारण हैं। अतः इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाकर जनसँख्या वृद्धि को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
अशिक्षा जो अन्धविश्वास के लिए भी उत्तरदायी है जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारणों में से एक है। शिक्षित वर्ग अपनी एवं अपने परिवार के सदस्यों के जरूरतों को समझता है। वह सिर्फ एक या दो बच्चों के परिवार को उचित समझता है क्योंकि वह जानता है कि उन्हें अपने दोनो बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति अपने सीमित संसाधनों से ही करना है। और इसीलिए वह अपने बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति आसानी से कर लेता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
शिक्षित समाज में अन्धविश्वास का स्थान निचले पावदान पर होता है। अगर समाज शिक्षित होगा तो लोग बहुसंतान भगवान की देन न समझकर अपने कर्मो का परिणाम समझेंगे और एक या दो संतान को ही प्राथमिकता देंगे। साथ ही मेरा ऐसा मानना है कि शिक्षित समाज धर्म के बहकावे में आकर अधिक बच्चे पैदा नहीं करेगा। अतः हमें समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित करने की जरूरत है इससे न केवल जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है वरन देश, समाज और प्रकृति सबको समृद्धि के नयी उचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है।
इसके अलावा परिवार नियोजन, विवाह की आयु में वृद्धि करना, अधिकतम संतान सीमा निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा, उच्च जीवन स्तर का प्रयास के साथ-साथ जागरूकता जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
जनसँख्या विस्फोट पर निबंध हिंदी में
उम्मीद है जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण पर यह निबंध जिसमे जनसँख्या विस्फोट के कारण (jansankhya visfot ke karan) एवं जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय (jansankhya vridhi rokne ke upay) पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है, आपको पसंद आया होगा और आपकी परीक्षा के साथ - साथ ज्ञान संवर्धन में भी लाभकारी होगा।
आप अपना सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में निःसंकोच भेज सकते हैं। आपके सुझाव भविष्य में निबंध लेखन को परिष्कृत करने में सहयोगी होगें।
You may like these posts
Post a comment, popular posts.
पेड़ पर 10 लाइनें | 10 Lines on Trees in Hindi
भदंत आनंद कौसल्यायन का जीवन परिचय | Bhadant Anand Kausalyayan Ka Jivan Parichay
होली पर्व पर 10 लाइन | 10 Lines on Holi in Hindi
वृक्षों का जीवन में महत्त्व निबंध (Importance of trees essay in hindi)
Featured post
संविधान दिवस पर 10 लाइन हिंदी में | 10 Lines on Constitution Day in Hindi
संविधान दिवस पर 10 लाइन हिंदी में | 10 Lines on Constitution Day in Hindi भारत में संव…
- 10_Lines_in_Hindi 4
- Jivan Parichay 4
- निबंध 20
- भाषण 1
कवि देव का जीवन परिचय एवं साहित्यिक कृतियाँ | Kavi Dev Ka Jivan Parichay
Menu footer widget.
- Privacy Policy
बढ़ती जनसंख्या एक समस्या पर निबंध – दुष्परिणाम
By मनीष कुमार साहू
जनसंख्या वृद्धि मतलब, एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होना जिसमें लोगों की संख्या ना चाहते हुए भी इतनी ज्यादा हो जाए कि खाने रहने के लिए स्रोतों की कमी पड़ने लगे।
आज विश्व की कुल आबादी 7 अरब से ज्यादा है जिनमें से सबसे ज्यादा चीन और उसके बाद भारत का नंबर आता है। बढ़ती जनसंख्या इतनी बड़ी समस्या है, कि जिसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल होता है।
अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो किसी देश की जनसंख्या जितनी ज्यादा होगी उस देश की में प्राकृतिक संसाधनों और स्त्रोतों की ज्यादा जरूरत होगी।
और इस स्थिति में उस देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। चीन ने इस समस्या को पहले ही भांप लिया था, इसीलिए कई दशक पहले उसने एक बच्चे से अधिक पैदा करने पर कई तरह के दण्ड लगा दिए थे। जिसकी वजह से ज्यादातर लोग एक ही बच्चा पैदा करते थे। हालांकि अब इसमें कुछ बदलाव किया गया है।
खैर, कुछ आंकड़ों पर भी नजर डाल लेते हैं। उत्तरी अमेरिका दुनिया के 16 प्रतिशत भू भाग में है जबकि दुनिया की सिर्फ 6% जनता वहां निवास करती है। उससे भी हैरानी की बात तो यह है कि दुनिया की 45% इनकम उन्ही के पास है।
दूसरी तरफ एशिया दुनिया के 18% भूभाग पर फैला हुआ है जबकि दुनिया की 67 प्रतिशत जनता इसी भू भाग पर निवास करती है। लेकिन फिर भी विश्व के इनकम का सिर्फ 12% हिस्सा इनके पास है। अगर अफ्रीकी देशों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी खराब है।
इन आंकड़ों से एक बात जो आसानी से समझी जा सकती है, वह यह कि अतिक्रमी आबादी वाले देशों की आर्थिक सामाजिक स्थिति हमेशा चिंताजनक ही रहती है। उनके नागरिकों को ना सिर्फ भरपेट भोजन मिलने में दिक्कत होती बल्कि जो भोजन मिलता भी है उसकी गुणवत्ता बहुत कम दर्ज की होती है।
इस अतिक्रमी आबादी का दुष्प्रभाव दक्षिण एशियाई देशों जैसे चीन, बांग्लादेश, फिलीपींस, भारत और पाकिस्तान में आसानी से देखा जा सकता है।
7 अरब की आबादी वाले विश्व में 1.3 अरब जनसंख्या के साथ भारत आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। और देश की तमाम गंभीर समस्याओं के साथ यह भी एक गंभीर समस्या है। भारत में कई प्रदेशों की जनसंख्या तो विश्व के कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। और उनमें सबसे आगे है-उत्तर प्रदेश। जिसमें 166 मिलियन यानी 16 करोड़ से भी ज्यादा की जनसंख्या निवास करती। जो की रूस की जनसंख्या से ज्यादा है। क्योंकि रूस की कुल जनसंख्या लगभग 15 करोड़ के आस-पास की है। इसी प्रकार उड़ीसा कनाडा से छत्तीसगढ़ ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश हैं।
विषय-सूचि
बढ़ती जनसंख्या के कारण
1. मृत्यु दर के मुकाबले जन्मदर में अधिकता.
किसी भी देश की जनसंख्या में उतार-चढ़ाव के मुख्य और प्राकृतिक कारण होता है, जन्म दर और मृत्यु दर। भारत में अभी स्थिति यह है कि जन्म दर मृत्यु दर के मुकाबले बहुत अधिक है। 2016 के हिसाब से देखें तो 2016 में जन्म दर 19.3 प्रति 1000 था। अर्थात किसी एक निश्चित समय अवधि में 1000 लोगों को बीच 19.3 नए बच्चे जन्म ले रहे हैं।
जबकि उतनी ही समय अवधि में 1000 लोगों के मध्य 7.3 लोगों की ही मृत्यु हो रही है। यानी हर पल लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये नही कहा जा रहा है कि मृत्यु दर को बढ़ाया जाए बल्कि ध्यान इसपर देना चाहिये कि जन्मदर को कैसे कम किया जाय।
2. परिवार नियोजन की कमी
भारत में अधिकतर लोगों के पास अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कोई योजना नहीं होती। उन्हें लगता है कि 15 से 45 वर्ष की आयु में कभी भी बच्चे पैदा कर सकते हैं, और इस प्रकार उनके कई बच्चे हो जाते हैं।
जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर तब पड़ता है, जब वह बच्चे बड़े होने लगते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होते ही साड़ी व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है।
3. धार्मिक रूढ़िवादिता
भारत जैसे देश में आज भी रूढ़िवादी मानसिकता वाले लोगों की कमी नहीं है, जो यह सोचते हैं कि परिवार बढ़ाने की योजना बनाना गलत है। जो कुछ भी है भगवान की देन है।
अधिकतर वह महिला जो बच्चे को जन्म देने वाली है उनसे इस विषय में कुछ नही कर पाती क्योंकि ऐसा करना भगवान के खिलाफ जाने जैसा हो जाता है।
वहीं मुस्लिम धर्म का तो अलग ही फंडा है, हिंदू के मुकाबले मुस्लिमों का जन्मदर कई गुना ज्यादा है।कुछ सर्वेक्षणों की मानें तो पुराने ख्यालात के साथ-साथ अपनी कौम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के चक्कर में मुसलमान दर्जनों का परिवार खड़ा कर लेते हैं।
4. कम उम्र में शादी
कम उम्र में शादी भी जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हैं। आज के इस आधुनिक युग में भी बहुत सारे बच्चे-बच्चियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है।
उनकी शादी तभी कर दी जाती है, जब वह ना तो शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होते हैं और ना ही आर्थिक और भावनात्मक तौर पर मजबूत होते हैं। इस स्थिति में उनके भी कई सारे बच्चे हो जाते हैं जो कि जनसंख्या वृद्धि को और बढ़ावा देते हैं।
5. गरीबी
गरीबी भी देश की जनसंख्या बढ़ाने में अहम किरदार निभाती है। बहुत सारे परिवार के लोग इसलिए भी कई बच्चे पैदा कर लेते हैं क्योंकि उन्हें अपना जीवन चलाने के लिए बच्चों की सहायता की जरूरत पड़ती है।
उनकी गरीबी उनको मजबूर करती रहती है कि वो कई बच्चे पैदा करें। बच्चे तो हो जाते हैं हैं लेकिन उनका भरण-पोषण वो अच्छे से नहीं कर पाते, जिससे वो गरीब से और गरीब होते चले जाते हैं।
6. शिक्षा की कमी
यहाँ तक जो भी कारण अभी बताए गए हैं, उनका एक कारण है शिक्षा की कमी। अगर पर्याप्त शिक्षा मिले तो परिवार नियोजन की कमी, धार्मिक रूढ़िवादिता, कम उम्र में शादी और गरीबी जैसे मुद्दों पर लड़ाई लड़ी जा सकती है। परिवार नियोजन ना सीधे-सीधे अशिक्षा और अज्ञानता की कमी की ओर इशारा करते हैं, खासकर महिलाओं में।
जो लोग अशिक्षित होते हैं उन्हें आँकड़े नही समझ में आते। उनको ये बात समझना मुश्किल हो जाता है कि देश में जनसंख्या विस्फोट से कितनी समस्याओं का जन्म होता है।
ये तो हो गए अतिक्रमी आबादी (जनसंख्या विस्फोट) के कुछ प्रमुख कारण, अब उनके दुष्परिणाम पर नजर डालते हैं।
बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणाम
1. प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव.
अधिक आबादी मतलब, प्राकृतिक संसाधनों की अधिकतम दोहन। अगर ज्यादा लोग होंगे तो उनके खाने-पीने से लेकर रहने और पहनने तक के लिए ज्यादा चीजों की जरूरत पड़ेगी।
सभी चीजों को उपलब्ध कराने के लिए लोग तरह-तरह के जुगाड़ लगाएंगे और वही जुगाड़ पृथ्वी पर अपना दबाव बनाता रहेगा। फलस्वरुप ग्लोबल वार्मिंग और खाने-पीने की चीजों की कमी जैसे तमाम मुद्दों पर चिंता बढ़ने लगेगी
2. गरीबी में बढ़ोतरी
जाहिर सी बात है कि लोग ज्यादा होंगे तो प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ज्यादा होगा। लेकिन प्रकृति भी एक सीमित मात्रा में संसाधन दे सकती है।
उसके अलावा भी बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ती है। गरीबी के चलते लोगों के बच्चे ना तो पढ़ पाते हैं और ना ही आगे बढ़ पाते हैं। इस दशा में वो गरीब के गरीब ही रह जाते हैं।
3. पलायन की मजबूरी
इस देश में बहुत सारी जगह ऐसी है जहां पर पानी खाना जैसी तमाम प्राकृतिक संसाधनों की कमी है लोग पहले से ही गरीब रहते हैं और बढ़ती पीढ़ी के साथ गरीब चले जाते हैं क्योंकि उनकी जनसंख्या बढ़ती जाती है।
लेकिन जब किसी एक विशेष स्थान पर बहुत ज्यादा लोग निवास करने लगते हैं, वो भी कम संसाधन वाले क्षेत्र में तो जीवन चलना भी दूभर हो जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वहाँ के लोगों को मजबूरी वश पलायन करना पड़ता है।
4. अमीर गरीब का अंतर
एक आदमी अपने घर में आधे दर्जन बच्चे पैदा कर लेता है, क्योंकि वह अशिक्षित है। वह शिक्षित इसलिए है क्योंकि वह गरीब था। और कभी भी लिख पढ़ नहीं पाया था।
अब ये जो आधे दर्जन बच्चे हैं यह भी गरीब ही रहेंगे, क्योंकि यह भी पढ़ लिख नहीं पाएंगे और शिक्षित नहीं हो पाएंगे। ये फिर वही पूरी प्रक्रिया दोहराएंगे जो इनके पूर्वजों ने दोहराया था। इस प्रकार वह हमेशा गरीब ही रहेंगे।
वही अमीर शिक्षित हैं और उसे पता है कि परिवार नियोजन के क्या-क्या उपाय हैं। इसलिए सीमित परिवार ही रखेगा और हर बढ़ती पीढ़ी के साथ अमीर होता चला जाएगा। इस प्रकार अतिक्रमी जनसंख्या से अमीर और गरीब के बीच का फर्क भी बढ़ता ही जाता है
तो यह थे समाज के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतिक्रमी जनसंख्या के पड़ने वाले प्रभाव। अब उनके निस्तारण की ओर चला जाए। आज के इस आधुनिक युग में अतिक्रमी जनसंख्या यानी जनसंख्या विस्फोट पर रोक लगाने में सफलता पा लेने का मतलब है- गरीबी, अशिक्षा बेरोजगारी आर्थिक पिछड़ापन जैसे तमाम समस्याओं से दूर कर देना।
हालांकि यह सब कुछ कर पाना इतना आसान नहीं है, लेकिन अगर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
बढ़ती जनसँख्या का समाधान
1. परिवार नियोजन.
एक समृद्ध और खुशहाल देश के लिए यह जरूरी होता है कि उस देश के आम आदमी स्वस्थ रहें और उनकी जनसंख्या देश की आर्थिक स्थिति के अनुरूप हो।
यह तभी संभव है जब उस देश के आम आदमी इस बात को समझेंगे और परिवार नियोजन के उपाय अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में अपना योगदान देंगे।
2. नियंत्रित दर
नियंत्रित दर का मतलब यह है कि बच्चों के जन्म के बीच निश्चित अवधि का अंतर होना। जो कि बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने पर जन्मदर को भी कम करने में सहायता मिलेगी।
दो बच्चों के बीच एक निश्चित अवधि का अंतर होता है तो माता-पिता के साथ साथ बच्चों के स्वास्थ्य भी ठीक-ठाक रहेगा। जब स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो उनकी शिक्षा-दीक्षा भी सही रह पाएगी।
3. अल्पायु में शादी
जैसा की हमने अभी बताया था कि कम उम्र में शादी करना भी अतिक्रमी जनसंख्या का बहुत बड़ा कारण होता है, तो अगर कम उम्र में शादी ना हो तो अतिक्रमी जनसंख्या पर नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।
हालांकि हमारे देश के संविधान में लड़कियों की शादी 18 और लड़कों की 21 वर्ष में शादी का प्रावधान है, लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी भी लोग बहुत कम उम्र में शादी कर देते हैं। जो कि समाज के लिए काफी घातक होता है।
4. महिलाओं का सशक्तिकरण
महिलाओं के सशक्तिकरण से देश बढ़ रही जनसंख्या को कम करने में आसानी मिल सकेगी। बहुत सारे मामलों में देखा जाता है कि परिवार बढ़ाने के मामले में महिलाओं की कोई राय नहीं ली जाती।
महिलाओं को तो इतना अधिकार भी नहीं दिया जाता कि वह अपनी राय सबके सामने रख सकें। वो बस बच्चे पैदा करने की मशीन भर बनकर रह जाती हैं।
ऐसे में अगर महिलाओं में सशक्तिकरण का विकास होगा तो उनमें भी निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा। और उन निर्णयों को अमल में लाने की क्षमता का भी विकास होगा।
5. प्राथमिक स्वास्थ्य में सुधार
वैसे तो सरकारें हमेशा से ही अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन ऐसा हो पाना मुश्किल ही रहता है। जब लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो वह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में पूरे जोर-शोर के साथ लगेंगे।
और जब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी तभी वह अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा, अच्छा खाना और अच्छी परवरिश दे पाएंगे। जब उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा अच्छी परवरिश मिलेगी तो वो जनसंख्या विस्फोट से होने वाले दुष्प्रभावों को अच्छे से समझ पाएंगे। और उसको कम करने की कोशिश करेंगे।
6. शिक्षा में सुधार
शिक्षा एक ऐसी कड़ी है जिसके बिना कुछ भी संभव पाना मुश्किल ही है। शिक्षा अगर नहीं है तो समाज के किसी भी वर्ग का उत्थान नहीं हो पाएगा। शिक्षा रहेगी तो लोगों को अच्छे-बुरे में फर्क करना समझ में आ जाएगा।
साथ ही उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। उदाहरण के तौर पर किसान को ले लेते हैं क्योंकि किसान एक कमजोर आर्थिक स्थिति से आते हैं। अगर उनको अच्छी शिक्षा ना मिली तो वह वैसे ही रह जाएंगे जैसे उनकी पिछली पीढ़ी थी।
लेकिन अगर उनको अच्छी शिक्षा मिली तो अच्छी पढ़ाई करके वो किसान में ही अमूल चूल परिवर्तन करके अच्छा पैसा कमा सकेंगे या फिर किसान के अलावा भी बहुत कुछ कर सकेंगे ऐसे ही समाज के सभी वर्गों में होगा।
अतः अच्छी शिक्षा से जनसंख्या विस्फोट को कम करने में बहुत बड़ी सहायता मिलेगी।
7. जागरूकता फैलाकर
हमारे देश और समाज में एक बड़ी संख्या में ऐसी आयु वर्ग के लोग हैं जिन्हें अब स्कूल भेज पाना मुश्किल है। लेकिन अगर उन्हें अच्छे से समझाया जाय कि अधिक आबादी के दुष्परिणाम क्या होते हैं तो स्थिति को सुधारा जा सकता है।
अगर देश पिछड़े इलाकों में लोगों के बीच जाकर किसी भी माध्यम (ऑडियो,वीडियो,प्रिंट,नाटक) से उनके दिमाग में ये बात बैठा दी जाय कि जनसंख्या विस्फोट उनके लिए हानिकारक है तो इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
[ratemypost]
मनीष साहू, केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद से पत्रकारिता में स्नातक कर रहे हैं और इस समय अंतिम वर्ष में हैं। इस समय हमारे साथ एक ट्रेनी पत्रकार के रूप में इंटर्नशिप कर रहे हैं। इनकी रुचि कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में भी है।
Related Post
पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं का विमोचन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, छठ की रेल: ‘वंदे भारत’ के चकाचौंध में धक्के खाता ‘असली भारत’, cji ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष रूप से सक्षम कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित कैफे का किया उद्घाटन, 9 thoughts on “बढ़ती जनसंख्या एक समस्या पर निबंध – दुष्परिणाम”.
it is very nice
??Tomorrow is my hindi exam hope this topic will come in the exam and I can do my best as I have no hindi tuition in private and so I have taken a idea from this . The writings that are written in the essay is easy and for me it is helpful also. Pray for me for tomorrow’s exam.??
Thanking You Priyanka
Bahut accha
Tomorrow is my hindi half yearly examination and my hindi book has this topic and the language of our book is very difficult so I searched the topic in Google and I guess it’s the easiest way to learn and understand the topic OVER POPULATION..Hope dis will help,,, THANKYOU 💖👍
It’s nice essay very useful
Bhai sahab ye bachche itne kyon paide hotel Hain? Karan bataen👩❤️💋👨
It’s very nice
nice essay well done
Leave a Reply Cancel reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
आपको हर सुबह भीगे हुए बादाम क्यों खाने चाहिए?
Digital arrest: सावधान जागते रहो……. , as you like it summary in hindi (सारांश हिंदी में), इन रंगोली डिज़ाइनों के साथ अपनी दिवाली की सजावट को बढ़ाएँ.
Home » Essay Hindi » जनसंख्या विस्फोट पर निबंध | Essay On Population In Hindi
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध | Essay On Population In Hindi
जनसंख्या में वैश्विक वृद्धि बेहद चिंताजनक विषय है। वर्तमान में जनसंख्या विस्फोट हुआ है जिससे दुनिया की पापुलेशन वृद्धि में तेजी हुई है। इस लेख जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi में जनसंख्या वृद्धि के कारण, दुष्परिणाम और रोकने के उपाय पर जानकारी है।
भोगोलिक क्षेत्र और भोजन की सीमित उपलब्धता पृथ्वी के भविष्य पर चिंता की लकीर खिंचती है। जनसंख्या विस्फोट क्या है? यह चिंता का विषय क्यों है? इसके कारण और रोकथाम के उपायों पर इस Population Explosion Essay In Hindi निबंध में चर्चा करेंगे।
जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi
जनसंख्या (Population) में तेज बढ़ौतरी विकाशील देशो में अत्यधिक है। भारत देश में भी जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत की जनसंख्या 130 अरब को पार कर चुकी है। भारत जनसंख्या के मामले में केवल चीन से पीछे है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि भविष्य में भारत जनसंख्या के मामले में टॉप पर होगा। जनसंख्या पर नियंत्रण आवश्यक है। अगर इस पर नियंत्रण नही हुआ तो गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है।
एक सीमित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को उस क्षेत्र विशेष की जनसंख्या कहते है । जब उस क्षेत्र की जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ौतरी हो जाये तो वह जनसंख्या विस्फोट कहलाता है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण (Population Explosion In Hindi)
1. जनसंख्या (Population) में वृद्धि का सबसे प्रमुख कारण अशिक्षा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गरीब देशों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण उन देशों में लोगो का अशिक्षित होना है।
2. जनसंख्या वृद्धि की एक बड़ी वजह लड़का पैदा होने की चाह भी है। पारिवारिक संस्कृति में यह माना जाता है कि लड़का घर का कुलदीपक होता है। परिवार के वंश को चलाने के लिए लड़का होना चाहिए। इसलिये लोग लड़के की चाह में ज्यादा बच्चे पैदा कर देते है। यह एक मनोवैज्ञानिक सोच होती है।
3. जैसे एक किसान की सोच होती है कि ज्यादा फसल लगाने पर ज्यादा मुनाफा होगा, ठीक उसी तरह एक गरीब परिवार की सोच होती है। जितने ज्यादा बच्चे होंगे वो उतनी ही ज्यादा कमाई करेंगे। रोजगार के अवसर ज्यादा होंगे, यह एक मनोवैज्ञानिक सोच है। क्यूंकि गरीब परिवार को आय के स्रोत चाहिये।
4. विश्व के ग्रामीण क्षेत्रो में विवाह छोटी उम्र में ही हो जाते है। इससे जनसंख्या पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रो में एक परिवार में औसत से ज्यादा बच्चे होते है। लड़किया बालिग होने से पूर्व ही बच्चे पैदा करने लग जाती है। यह एक भयावह स्थिति है जो चिंताजनक है। नाबालिग लड़की प्रसव पीड़ा को सहन करने की स्थिति में भी नही होती है। बाल विवाह को रोकना हमारी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिये।
5. जीवनस्तर निम्न श्रेणी का होना भी एक कारण हो सकता है। परिवार नियोजन को अपनाना आर्थिक रूप से निम्न स्तर के लोगो के लिये कठिन कार्य होता है। क्योंकि इनके पास रोजगार का सही जरिया नही होता है। ये लोग मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरते है।
6. जनसंख्या वृद्धि के धार्मिक कारण भी होता है। कई धार्मिक गुरु ज्यादा बच्चें पैदा करने की सलाह देते है। अंधविश्वास में आकर लोग गुरुओं की बात मान लेते है।
जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम
1. जनसंख्या (Population) में अत्यधिक बढ़ौतरी से संसाधनों में कमी आती है। दुनिया मे संसाधन सीमित मात्रा में है और इनका समाप्त होना निश्चित है। इसलिए बढ़ती आबादी संसाधनों को तेजी से खत्म कर रही है।
2. भोजन प्रत्येक व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है। लेकिन वर्तमान में यह अधिकार केवल नाम का है। विश्व के चंद लोगो के पास दुनिया के ज्यादातर संसाधन है। दुनिया में गरीबी बहुत बड़ी समस्या है। विश्व के कई लोग भूखे रह जाते है और इन्हें एक वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिल पाती है। खासकर अफ्रीकी देशों में आबादी में वृद्धि से उपलब्ध भोजन में कमी आयी है। जनसंख्या में बढ़ौतरी से गरीबी बढ़ती है।
3. आजीविका के पर्याप्त संसाधन होना जरूरी है। बढ़ती आबादी इनको धीरे धीरे खत्म कर रही है। प्रति व्यक्ति संसाधनों में कमी आती है।
4. बढ़ती आबादी से इंसानो के लिए रहने की जगह कम पड़ रही है। इंसान अपने बसने के लिए जगह तलाश रहा है। जंगलों को काटकर रहने के लिए बड़ी इमारते बनाई जा रही है। वन भूमि में आई कमी का मुख्य कारण बढ़ती आबादी ही है।
5. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश में उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करती है। हर देश के पास सीमित संसाधन है। जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ौतरी से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
6. युवाओ के रोजगार अवसर सीमित मात्रा में है। जब जनसंख्या में बढ़ौतरी होती है तो वो रोजगार कम पड़ जाते है। बेरोजगारी बढ़ती है और कामगार का पारिश्रमिक भी कम होता है।
7. जनसंख्या वृद्धि से बेरोजगारी बढ़ती है और बेरोजगारी से अपराध में बढ़ौतरी होती है। जिन देशों में गरीबी ज्यादा है, वहां आपराधिक मामले ज्यादा होते है। गरीबी का मुख्य कारण जनसंख्या में वृद्धि है।
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय Population Explosion Essay In Hindi
जनसंख्या वृद्धि रोकना आसान तो नही है लेकिन यह मुश्किल भी नही है। कुछ आसान से उपाय कठोर निर्णय के साथ लेकर इसको नियंत्रित किया जा सकता है। आबादी में बढ़ौतरी को रोकने के लिए कुछ उपायों पर प्रकाश डालेंगे।
1. जनसंख्या वृद्धि को रोकने का सबसे कारगर उपाय शिक्षा है। बच्चो में शुरू से ही शिक्षा के प्रति जागरूकता होनी चाहिए। स्कूली पढ़ाई में बढ़ती आबादी से खतरों को बताना चाहिए।
2. जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन का प्रचार प्रसार होना चाहिए। विभिन्न देशों की सरकारों को इस क्षेत्र में प्रयास करने चाहिए। भारत मे भी बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए परिवार नियोजन की सरकारी स्कीमें चल रही है जो एक हद तक कारगर सिद्ध हुई है।
3. सामाजिक जागरूकता सबसे प्रभावी उपाय है जो बढ़ती आबादी पर अंकुश लगा सकता है। समाजिक परिवेश में सुधार की गुंजाइश होनी जरूरी है। ज्यादा बच्चे पैदा करने के नुकसान बताने चाहिए। लड़का लड़की एक समान जैसे विचार होने जरूरी है। हम दो हमारे दो का नारा पुरजोर तरीके से साथर्क होना चाहिए।
4. जितने कम बच्चें होंगे तो उतनी ही अच्छी परवरिश हम बच्चो को दे पायेंगे। इससे हमारे बच्चो में अच्छे संस्कार आएंगे और वो प्रगति करेंगे। इसलिये जागरूकता इम्पोर्टेन्ट है।
5. सरकार और सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वो इसका प्रसार प्रचार करे। टीवी और अखबारों में अधिक से अधिक प्रभावी विज्ञापन आने चाहिए जिनमे जनसंख्या वृद्धि की हानियां बताई जानी चाहिए।
आने वाली पीढ़ी का भविष्य हमारे हाथों में है। हम सार्थक प्रयास करके उनको उज्जवल भविष्य दे सकते है। हमारे बेहतर प्रयास उनको बेहतर जीवन देंगे। दोस्तो हमारा कल, आज पर निर्भर है।
Note:- जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi आपको कैसा लगा? आर्टिकल में जनसंख्या वृद्धि के कारण, दुष्परिणाम और रोकने के उपाय पर आपके क्या विचार है? इस आर्टिकल “Population Explosion Essay In Hindi” को शेयर भी करे।
यह भी पढ़िए –
- इंटरनेट एक वैश्विक जरुरत पर निबंध
- मोबाइल फ़ोन पर निबंध
- ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
Related Posts
महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध लेखन | Essay In Hindi Nibandh Collection
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | डिजिटल एजुकेशन
समय का सदुपयोग पर निबंध (समय प्रबंधन)
राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध लेखन | Essay On Peacock In Hindi
ईद का त्यौहार पर निबंध | Essay On Eid In Hindi
चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi
मेरा परिवार विषय पर निबंध | Essay On Family In Hindi
Knowledge Dabba
नॉलेज डब्बा ब्लॉग टीम आपको विज्ञान, जीव जंतु, इतिहास, तकनीक, जीवनी, निबंध इत्यादि विषयों पर हिंदी में उपयोगी जानकारी देती है। हमारा पूरा प्रयास है की आपको उपरोक्त विषयों के बारे में विस्तारपूर्वक सही ज्ञान मिले।
3 thoughts on “जनसंख्या विस्फोट पर निबंध | Essay On Population In Hindi”
Very very nice Essay sir
भाई आपने बहुत ही अच्छी तरह से निबंध लिखा है इस निबंध को पढ़कर कोई भी आसानी से समझ सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Leave a comment Cancel reply
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
IMAGES
VIDEO