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Updated On: September 02, 2024 06:38 pm IST
गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) - 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारत का गणतंत्र दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है जब 1950 में भारत के संविधान को लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए इस दिन को हर जाति और संप्रदाय के लोग बड़े सम्मान और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन स्कूल, कॉलेजों, सरकारी दफ्तर में झण्डारोहण कर गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। स्कूल-कॉलेजों में बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण आदि भी प्रस्तुत किये जाते है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह उस दिन को चिन्हित करता है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसलिए उस दिन से 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारत के तीन राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है, अन्य दो गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस हैं। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस लेख के द्वारा स्कूलों में दिये गये गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) लिखना सीख सकते है अक्सर बच्चों को गणतंत्र दिवस का महत्व समझाने के लिए 26 जनवरी पर निबंध (Essay on 26th January in Hindi) लिखने को कहा जाता है। जिसके द्वारा बच्चों को गणतंत्र दिवस के महत्व (Importance of Republic Day) को समझा सके। ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण
गणतंत्र दिवस पर हिदीं निबंध (Hindi Essay on Republic Day): भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भारत वास्तव में स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र को अपनाया। दूसरे शब्दों में, यह उस दिन का जश्न मनाता है जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। आजादी के लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को हम एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गए। ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध भारतीय हर साल 26 जनवरी को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग अपना धर्म, जाति, लिंग भूल कर इस दिवस को मनाते हैं। यह पूरे देश को एक साथ लाता है। यह सचमुच हमारे देश की विविधता को दर्शाता है। भारत की राजधानी, नई दिल्ली, इसे गणतंत्र दिवस परेड के साथ मनाती है जो भारतीय सेना की ताकत और हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। ये परेड अन्य शहरों में भी होती हैं, जहाँ बहुत सारे स्कूल भाग लेते हैं। बच्चों और पेशेवरों को इतना प्रयास करते हुए देखना खुशी की बात है। जिस तरह से वे परेड की शोभा बढ़ाते हैं उससे किसी को भी अपने देश पर गर्व होता है। इस दिन हम राष्ट्रीय ध्वजारोहण भी करते हैं। नई दिल्ली में, भारत के राष्ट्रपति द्वारा हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद, सैन्य बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके अलावा सभी स्कूलों में इस दिन बडें ही धूम-धाम से बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण कवितायें आदि प्रस्तुत किये जाते है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह दिन हर भारतवासियों के लिए बहुत ही गर्व का दिन होता है। हालांकि यह बहुत खुशी का दिन है, हमें स्वतंत्रता के उस संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए जिसमें हमारे पूर्वजों ने भाग लिया था।
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day in Hindi): भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं जो गणतांत्रिक होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक भी है और जहाँ सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं।
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day): 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई, लेकिन हमारे देश में अभी भी एक ठोस संविधान का अभाव था। इसके अलावा, भारत के पास कोई विशेषज्ञ और राजनीतिक शक्तियाँ भी नहीं थीं जो राज्य के मामलों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करतीं। तब तक, 1935 के भारत सरकार अधिनियम को मूल रूप से शासन करने के लिए संशोधित किया गया था। हालांकि, वह अधिनियम औपनिवेशिक शासन की ओर अधिक झुका हुआ था। इसलिए, एक विशेष संविधान बनाने की सख्त जरूरत थी जो भारत के सभी विचारों को प्रतिबिंबित करें। इस प्रकार, डॉ. बीआर अंबेडकर ने 28 अगस्त, 1947 को एक संवैधानिक मसौदा समिति का नेतृत्व किया। मसौदा तैयार करने के बाद, इसे 4 नवंबर, 1947 को उसी समिति द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। यह पूरी प्रक्रिया बहुत विस्तृत थी और इसमें 166 दिन लग गए। इसके अलावा, समिति द्वारा आयोजित सत्र जनता के लिए खुले रखे गए थे। चुनौतियों और कठिनाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारी संवैधानिक समिति ने सभी के अधिकारों को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका उद्देश्य सही संतुलन बनाना था ताकि देश के सभी नागरिक अपने धर्म, संस्कृति, जाति, लिंग, पंथ और अन्य से संबंधित समान अधिकारों का आनंद ले सकें। आख़िरकार उन्होंने 26 जनवरी 1950 को देश के सामने आधिकारिक भारतीय संविधान प्रस्तुत किया।
26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है। इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं। विद्यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं। विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं। लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बताता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे। गणतंत्र दिवस के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बड़े पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है औक बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। अंत में पूरे भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।
गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने भारत देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे तथा हमेशा एकजुट होकर रहेंगे। भारत को विश्वव्यापी ताकत बनाने का जो सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था उसे हमें हर हाल में पूरा करना होगा। ये ही गणतंत्र की असली पहचान होगी।
Say goodbye to confusion and hello to a bright future!
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के जन्म के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी 'गणतंत्र दिवस' समारोह 26 जनवरी, 2024 को गौरवपूर्ण ढंग से आयोजित करने तथा राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रातः 10:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया है।
75वें गणतंत्र दिवस 2024 की थीम हैं: 'विकसित भारत' और 'भारत – लोकतंत्र की मातृका' है।
26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
इस वर्ष देश में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे।
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गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस मौके पर होने वाली परेड हमारी शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक-चिह्न है। हमारे देश के भव्य आयोजनों में से एक गणतंत्र दिवस परेड की छटा देखने लायक होती है। यह हर वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर सम्पन्न होती है। यहाँ हम आपको अलग-अलग शब्द-सीमाओं में बंधे गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध प्रस्तुत कर रहें है।
निबंध – 1 (250 शब्द).
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को होता है। इसी दिन ‘26 जनवरी 1950’ को पूरे देश में संविधान (कानूनी किताब) लागू हुआ था। हमारा देश एक समप्रभुता-सम्पन्न, न्याय-वादी, धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित हुआ था।
इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाय तो हमें पता चलता है कि इसी दिन, भारत सरकार एक्ट (1935) को हटाकर भारत के संविधान को अपनाया गया था। संविधान तो हमारा 26 नवम्बर 1949 को ही देश के लोगों को सौंप दिया गया था, किन्तु 26 जनवरी 1950 को पूरे मान-सम्मान के साथ लोकतंत्र प्रणाली के साथ अंगीकृत किया गया।
इस वर्ष 2024 में हम अपना 75वाँ गणतंत्र मना रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू राजपथ के ध्वज आरोहण करने के बाद, तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देती है। तत्पश्चात् परेड का आयोजन होता है, जिसमें हमारी सेना और विभिन्न स्कूली बच्चे मार्च पास्ट करते हुए राष्ट्रपति को सेल्यूट करते है।
हमारी राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड होती है। बड़ा ही अद्भुत नजारा होता है, जब सेना के सभी जवान एक साथ कदम-ताल करते हुए एक धुन में परेड करते है। इस मौके पर होने वाले परेड और समारोह को देखने लोग दूर-दूर से आते है। यह परेड राष्ट्रपति-भवन से इंडिया-गेट तक जाती है। उसके बाद तीनों सेनाएँ अपनी-अपनी शक्ति, सामर्थ्य का प्रदर्शन करते है। पूरा अंबर हमारे तिरंगे के रंग में रंग जाता है। यही वो अवसर होता है जब पूरी दुनिया के सामने हम अपना दम-खम दिखा सकते है।
परेड का शुभारंभ झण्डा फहराने के बाद होता है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के झंडा फहराने के बाद यह श्रृंखला शुरू हो जाती है। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्र-गान होता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। रायसीना हिल्स (राष्ट्रपति भवन) से शुरू होकर इंडिया-गेट तक यह कारवाँ गुजरता है।
“ सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा ”
यह गीत कानों में पड़ते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है और सर गर्व से ऊँचा हो जाता है। दिल्ली की परेड का आनंद उठाने देश-विदेश से लोग आते है। खासकर वो लोग, जो देश के बाहर रह रहें हैं। इसी बहाने देश से जुड़ने को मौका मिलता है। देश की कला, संस्कृति के बारे में जानने का अवसर भी मिलता है।
हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य है। किसी भी देश के लिए उसकी आजादी का दिन सबसे खास होता है। और ये तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब बात उसके संविधान की हो। हमारे तीन राष्ट्रीय पर्व हैं- 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर, जिन्हें हम गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयन्ती के रूप में जानते है। ये तीनों दिवस अपने आप में बहुत खास है। ‘26 जनवरी’ ही वे दिन है, जब हम पूर्णतः एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित हुए थे। इस दिन हमें अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ प्राप्त हुई थी।
गणतंत्र दिवस आयोजन-स्थल
गणतंत्र दिवस का इन्तजार लोगों को कई दिनों से रहता है। इस महोत्सव की तैयारी में महीनों पहले ही जुट जाते है। स्कूल-कॉलेजो में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ परेड की तैयारी भी जोरो-शोरो से की जाती है। सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। आकर्षण का मुख्य केन्द्र राजधानी दिल्ली का भव्य परेड और समारोह होता है। गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजधानी दिल्ली के राजपथ पर होता है। जहाँ हमें देश के विकास और अदम्य साहस देखने को मिलता है।
गणतंत्र दिवस परेड
इस दिन को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। एक महिने पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति झंडा फहराते है। हमारी तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते है। उसके बाद भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसका साक्षी पूरा विश्व बनता है।
देश के सभी राज्य अपने-अपने तरीके से गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी हो या प्राइवेट सभी जगहों पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। लोग सुबह से ही गणतंत्र दिवस परेड का दिल्ली के राजपथ से सीधा प्रसारण देखने के लिए टी.वी. के सामने बैठ जाते है।
राष्ट्रपति की अध्यक्षता में गणतंत्र दिवस के रंगारंग कार्यक्रम का आगाज़ होता है। राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने देश की उपलब्धियों की चर्चा करते है। इसके बाद परमवीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र जैसे वीरता और शौर्य के पुरस्कारों का वितरण किया जाता है।
26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा ध्वजारोहण के साथ ही इस ऐतिहासिक दिन की शुरूआत होती है। भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर हमारे अमर शहीदों को याद करते हैं और श्रध्दांजलि देते है।
गणतंत्र दिवस परेड का स्वरूप
गणतंत्र दिवस परेड को राष्ट्रपति लीड करते है। राष्ट्रपति झंडा फहराते है और भारतीय सशस्त्र सेना का कमांडर इन चीफ होने के नाते तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते हैं। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्रगान गाया जाता है।
हर वर्ष किसी न किसी मेहमान खास को गणतंत्र दिवस के खास मौके पर आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी किया गया था। 2021 के खास मेहमान थे, UK के बोरिस जॉनसन। लेकिन उन्होंने बढ़ते कोविड केसेस को देखते हुए भारत आने से मना कर दिया था।
गणतंत्र दिवस परेड का महत्व
बहुतो के मन में ये बात आ रही होगी कि, यदि संविधान 26 नवंबर को ही बन गया था तो उसे उसी दिन लागू क्यों नहीं किया। इस दिन को चुनने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है। 26 जनवरी 1930 में, लाहौर अधिवेशन के दौरान पंडित नेहरू ने अर्धरात्रि को रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज की घोषणा कर दी थी।
हमें 15 अगस्त 1947 को ही आजादी मिल गयी। अतः 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए और अपनी घोषणा को सम्मान देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन के अविस्मरणीय बनाने का निर्णय लिया। और तभी से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ हो गया।
गणतंत्र दिवस समारोह भारतीय आन-बान-शान का द्योतक होता है। लगभग 400 सालों की गुलामी के बाद हमें यह आजादी का सूरज नसीब हुआ है। यह हमारे देश की विकास-यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाने का एक कुशल प्लैटफॉर्म है।
गणतंत्र दिवस का नाम सुनते ही जो पहली छवि उभरती है, वो है परेड। राष्ट्रपति, गैलेंट्री अवार्डस्, राज्यों की भव्य झांकियाँ, तीनों सेनाओं का करिश्माई प्रदर्शन सहसा ही आखों के सामने उभर जाता है।
गणतंत्र दिवस परेड कब और कहाँ आयोजित की जाती है।
गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के सभी 28 राज्यों और 9 केन्द्र-शासित प्रदेशो में यह पर्व अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है। सबकी नज़र दिल्ली के राजपथ पर टिकी रहती है, क्योंकि राष्ट्रपति के राजपथ पर झंडा फहराने के बाद ही सम्पूर्ण राज्य अपने यहाँ झंडा फहरा सकता है।
आज जितना भव्य और वृहद रूप हमारे सामने है, प्रारंभ से ऐसा नहीं है। आज हम अपना 74वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे है। ऐसे में यह जानना बेहद रोमांचकारी है, कि भारत का पहला गणतंत्र कैसे रहा होगा।
आइए इस पक्ष पर थोड़ी नज़र डालते है। आज जहाँ गणतंत्र दिवस परेड होती है, वहाँ पहली बार नही हुई थी। पहली बार दिल्ली के ब्रिटिश स्टेडियम में गणतंत्र दिवस परेड हुआ था। वो दृश्य भले ही साधारण था किन्तु अलौकिक था। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने पहली बार आजाद भारत में तिरंगा फहराया था। उनके लिए वह पल कितना शानदार होगा, जिसने गुलामी के दंश झेला हो। हमारे कल्पना के भी परे है। तोपो की सलामी से सर्वत्र किला गूंजित हो उठा।
राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड कैसे की जाती है।
गणतंत्र दिवस पर परेड की परम्परा नवीन नहीं है। अगर किसी से पूछा जाय कि गणतंत्र दिवस परेड कहाँ होता है, तो झट से यही जवाब आता है कि राजपथ। आज के परिपेक्ष्य में सर्वथा उचित है, लेकिन अगर आप पहला भी राजपथ सोच रहे तो आप गलत है। हमारा प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर नही बल्कि दिल्ली के पुराने किले के इर्विन स्टेडियम में हुआ था, जहाँ आज नेशनल स्टेडियम बन गया है।
परेड एक तरह का मार्च-पास्ट होता है। इसे सेना के सारे जवान और अकादमिक बच्चे एक क्रम में कदम-ताल करते हुए करते है। यह राजपथ से शुरू होकर इंडिया गेट तक जाता है। उसके बाद प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर फूल-माला चढ़ाकर अमर शहीदों (देश के लिए मर मिटने वाले जवान) को श्रद्धांजलि देते है।
“ हिन्दी है हम वतन है, हिन्दोस्तां हमारा ”
हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इससे हमारे देश की गरिमा जुड़ी होती है। इस उपलक्ष्य पर उन वीर बच्चों को भी सम्मानित किया जाता है, जो अपनी ज़ान की परवाह किए बिना दूसरों की ज़ान बचाते है।
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गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कई स्कूल-कॉलेज और संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।
हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं जो गणतांत्रिक होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक भी है और जहाँ सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं। गणतंत्र दिवस के दिन ही हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, जिसमें हमारे अधिकारों का वर्णन है। अगर आप गणतंत्र दिवस के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आपको इस पेज पर दिया गणतंत्र दिवस का निबंध पूरा पढ़ना होगा। गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार सहित पढ़ने के लिए नीचे देखें।
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है।
भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। सुबह-सुबह ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिये लोग राजपथ पर इकट्ठा होने लगते है। इसमें तीनों सेनाएँ विजय चौक से अपनी परेड को शुरू करती हैं जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शन किया जाता है। आर्मी बैंड, एन.सी.सी कैडेट्स और पुलिस बल भी विभिन्न धुनों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदगी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है।
भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहण और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड की जाती है।
भारत में आजादी के बाद “विविधता में एकता” के अस्तित्व को दिखाने के लिये देश के विभिन्न राज्य भी खास झाँकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित करते हैं। लोगों द्वारा अपनी तरफ का लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है साथ ही गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है।
कार्यक्रम के अंत में तीन रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) के फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा की जाती है जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह् प्रदर्शित करता है। शांति को प्रदर्शित करने के लिये कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को आकाश में छोड़ा जाता है।
26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा यह गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का यह पर्व हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वह दिन है जो हमें हमारे संविधान का महत्व समझाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, परन्तु इसे पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति 26 जनवरी 1950 को मिली क्योंकि यह वह दिन था।
जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। आज के समय यदि हम स्वतंत्र रूप से कोई भी फैसला ले सकते हैं या फिर किसी प्रकार के दमन तथा दुर्वव्यस्था के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरूप के कारण संभव है।
यहीं कारण है कि हमारे देश में गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश का संविधान तथा इसका गणतांत्रिक स्वरूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य करता है।
यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र पे एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी का यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।
26 जनवरी पर निबंध- हर साल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी को यह पता होना चाहिए कि 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है? इस दिन भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।
26 जनवरी के दिन संविधान लागू होते ही भारत पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था। 4 नवंबर 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रारूप सदन में स्थापित किया गया। भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इस को संपूर्ण भारत में लागू कर दिया गया।
गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है। यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। यह भारतीय जनता के लिए स्वाभिमान का दिन था। संविधान के अनुसार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। जनता ने देश भर में खुशियाँ मनाई। तब से 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है। इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं। विद्यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं। विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं।
लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं। देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बतलाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला है।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे।
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1. भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। 2. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ। 3. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना गया है। 4. 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ। 5. 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। 6. इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं व अपने तरीके से गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाते है। 7. गणतंत्र दिवस जैसे अवसर पर भारत के राष्ट्रपति लालकिले से देश को सम्बोधित करते हैं। 8. इस पूरे आयोजन को भारत के राष्ट्रीय चैनल पर प्रकाशित किया जाता है। 9. राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के उपरांत राष्ट्रगान गाया जाता है। 10. 26 जनवरी के दिन वीर चक्र, परमवीर चक्र जैसे राष्ट्रीय सम्मान वितरित किये जाते हैं।
प्रश्न – गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?
उत्तर :- भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को अपनाया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। इसलिए लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रश्न – भारत एक गणतंत्र देश है कैसे?
उत्तरः दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र का जश्न मनाकर हम स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर क्रांतिकारियों को नमन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। करीब 18 वर्ष तक 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस (स्वतंत्रता दिवस) मनाया जाता रहा।
प्रश्न- 26 जनवरी 1930 को क्या हुआ था?
उत्तर :- 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।
प्रश्न- समय के महत्त्व अथवा गणतंत्र दिवस पर पाँच वाक्यों में अनुच्छेद लिखिए?
उत्तर :- 1. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया था। 2. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 3. 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ। 4. 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। 5. यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ।
प्रश्न- 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?
उत्तरः 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर आयोजित होता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
प्रश्न- 26 जनवरी 1950 को कौन सा दिन था?
उत्तर :- गुरुवार (Thursday)।
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26 January Essay in Hindi | Gantantra Diwas Essay in Hindi – दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी भारतीय लोग हर साल 26 जनवरी को अपने देश में Gantantra Diwas के रूप में मनाते हैं।
इसलिए अगर आप गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में , republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस पोस्ट को पूरा पढ़िए। जिसमे आप गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
इस पोस्ट में आप यह भी जान सकते हैं की आख़िरकार 26 जनवरी को ही हर साल गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं तो अब हम आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं।
26 जनवरी हमारे राष्ट्र – भारत गणराज्य के लिए एक गौरवशाली तिथि है। इसके पीछे देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर गाथा निहित है, जो भावी पीढ़ी को अमर संदेश देकर सदैव प्रेरणा का अमोघ स्त्रोत बनी रहेगी।
15 अगस्त, 1947 को हमें राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान पूरे देश में लागू हुआ।
इसलिए वास्तव में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभ तिथि है। यह तिथि हमारे सामने अनन्त बलिदानों की पवित्र स्मृति के साथ प्रकट होती है।
‘गणतंत्र दिवस’ हर साल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है, देश के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, मनीषियों और देशभक्तों ने मिलकर 26 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया था कि “हमारा उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है।”
सभी देशभक्तों ने पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर यह संकल्प लिया कि जब तक हम पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त नहीं कर लेते तब तक न तो चैन से बैठेंगे और न ही शत्रु को बैठने देंगे।
तभी से यह दिन देश के कोने-कोने में स्वराज्य दिवस के नाम से मनाया जाने लगा। वर्ष 1950 में जब भारतीय संविधान तैयार किया गया था तब यह सोचा गया था कि इस तिथि को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उस दिन राष्ट्रपति दिल्ली में इंडिया गेट के प्रांगण में तिरंगा फहराते हैं। उस दिन दिल्ली में जुलूस निकाला जाता है।
इस दिन की खूबसूरती को देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। इस अनोखे नजारे को देखने के लिए हर साल दुनिया का कोई न कोई मुखिया दिल्ली आता है।
इस दिन जल, थल, वायु सेना की एनसीसी की टुकड़ियों और छात्रों ने इंडिया गेट के मैदान में राष्ट्रपति को सलामी दी।
31 तोपें दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य यंत्र बजाते हैं और राष्ट्रपति अपने भाषण में राष्ट्र के लिए कल्याणकारी संदेश देते हैं।
विभिन्न राज्यों की सुंदर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इस दिन तरह-तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस दिन हमारे राज्यपाल गांधी मैदान में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इस तरह यह दिन हमें नई चेतना का शुभ संदेश देता है।
इस पर्व को अधिक से अधिक हर्षोल्लास एवं हर्षोल्लास के साथ मनाना हमारा परम कर्तव्य है, अपने मन में असामाजिक एवं साम्प्रदायिक विचारों को प्रवेश न करने दें। ऐसे में हमें गणतंत्र दिवस को सच्चे मन से मनाना चाहिए। republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi
Final Thoughts –
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गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) भारत के लिए एक विशेष दिन है, पूरे भारत में राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन भारत का संविधान (26 जनवरी, 1950) लागू हुआ था।
हमारा देश, भारत हर साल गणतंत्र दिवस मनाता है, जब भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत के संविधान ने भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह 26 जनवरी 1950 को भारत के एक विशेष दस्तावेज के रूप में लिया। इसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।
भारत में लोग इस महान दिन का आनंद अपने तरीके से मनाते हैं। इस दिन भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भारत की राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में राजपथ (इंडिया गेट के सामने) परेड होती है। इस तरह ुलास के साथ इस महान दिन को मनाया जाता है।
भारत 1950 के बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत में गणतंत्र दिवस का इतिहास में बहुत महत्व है क्योंकि यह भारतीय स्वतंत्रता के प्रत्येक और हर संघर्ष के बारे में बताता है। भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे लोगों ने 1930 में उसी दिन भारत के पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्णा स्वराज्य) को प्राप्त करने के लिए लाहौर में रावी नदी के तट पर एक संकल्प लिया, जो वर्ष 1947 में 15 अगस्त को सच हुआ।
1950 में 26 जनवरी को, भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित किया गया था, जिसका अर्थ है कि भारत के लोगों में देश के लिए सरकार चुनने की शक्ति है। यह भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजपथ, नई दिल्ली में विशेष परेड के साथ एक प्रमुख कार्यक्रम का आयोजन करके राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर मनाया जाता है।
पूरे भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली और लगभग ढाई साल बाद यह डेमोक्रेटिक रिपब्लिक बन गया। यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का संविधान लागू हुआ था और स्वतंत्रता संग्राम के लंबे समय बाद भारत को एक गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था।
28 अगस्त 1947 को हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के लिए एक स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक मसौदा समिति की नियुक्ति की जाएगी। डॉ। बी.आर. अम्बेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, जिन्होंने जिम्मेदारी ली और 4 नवंबर, 1947 को भारत के संविधान को विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।
भारत में गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है जब लोग इस महान दिवस को अपने तरीके से मनाते हैं। गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए हर कोई टेलीविजन से चिपके रहते हैं जबकि बच्चे स्कूलों में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। मुख्य उत्सव राजपथ, नई दिल्ली में होता है जहां भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और परेड भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित की जाती है। लोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया।
भारत में, 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह भारत के राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भारत के अन्य दो राष्ट्रीय अवकाश हैं। 1950 में 26 जनवरी को हमारा देश भारतीय संसद में भारत के संविधान के सुदृढीकरण के बाद एक पूर्ण लोकतांत्रिक गणराज्य बना।
इस दिन एक महान भारतीय सेना परेड होती है जो आम तौर पर विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) राजपथ पर परेड करते हुए भारत के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं।
परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को दिखाया जाता है जो देश के उन्नत हथियारों और युद्ध का प्रदर्शन करते हैं। इसके बाद उनकी संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली प्रत्येक राज्य की झांकी या ’झाँकी’ होती है। स्कूल और कॉलेजों में परेड, ध्वजारोहण, भाषण प्रतियोगिताओं, नाटकों और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर छात्र इस दिन को मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है जो हमें हमारे महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के बारे में याद दिलाता है जिन्होंने अपने और अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा और देश के लिए ख़ुशी-ख़ुशी अपना बलिदान दिया। जो लोकतंत्र हमें मिला है, उसे सभी को महत्व देना चाहिए और उसे नहीं लेना चाहिए। सभी को राष्ट्र के विकास के लिए अपना योगदान देना चाहिए और शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रसार करना चाहिए।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है जो भारत के लोगों द्वारा हर साल बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है जिसे 1950 में 26 जनवरी को भारत के संविधान के लागू होने के बाद घोषित किया गया था। यह ब्रिटिश शासन से भारत की ऐतिहासिक स्वतंत्रता का आनंद लेने और याद करने के लिए भी मनाया जाता है।
स्कूल गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। छात्र इन कार्यक्रमों में बड़े जोश और उत्साह के साथ भाग लेते हैं। सभी शिक्षण संस्थानों में विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे निबंध लेखन, भाषण, ड्राइंग और पेंटिंग आदि आयोजित की जाती हैं। छात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिखाने वाले नाटक और स्किट भी करते हैं।
भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित करती है जहाँ पर ध्वजारोहण कार्यक्रम, भारतीय सशस्त्र बल परेड और विभिन्न अन्य गतिविधियाँ इंडिया गेट के सामने आयोजित की जाती हैं। इस महान घटना को देखने के लिए लोग तड़के सुबह राजपथ पर इकट्ठा होना शुरू करते हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों विंगों की एक परेड विजय चौक से शुरू होती है जो देश की उन्नत युद्ध क्षमताओं को भी प्रदर्शित करती है। सभी रेजिमेंट के सैन्य बैंड, एनसीसी कैडेट और पूर्व सेना के लोग भी परेड में हिस्सा लेते हैं। भारत की समृद्ध परंपरा को दर्शाने वाली परेड के बाद सभी राज्यों के तबले भी प्रदर्शित किए जाते हैं। राजपथ पर प्रतिभागियों और सेना के कर्मियों द्वारा लोक नृत्य और विभिन्न स्टंट भी प्रदर्शित किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय त्योहार नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और स्वतंत्रता का उत्सव है। यह वह दिन है जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनके असीम बलिदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देकर उनका धन्यवाद करते हैं। यह उनकी वजह से है कि हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में रह रहे हैं और एक स्वतंत्र देश में सांस ले रहे हैं।
हमारी मातृभूमि, भारत लंबे समय तक ब्रिटिश शासन के अधीन थी, जिसके दौरान भारतीयों का शोषण किया गया था और ब्रिटिश शासन द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर किया गया था। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे वर्षों के संघर्ष के बाद, आखिरकार 1947 में 15 अगस्त को भारत स्वतंत्र हो गया।
लगभग ढाई साल बाद भारत सरकार ने अपना संविधान लागू किया और 1950 में 26 जनवरी को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। भारत के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में इस महान दिन के उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने के लिए अपना नागरिक बनाया।
गणतंत्र दिवस उस दिन की याद का प्रतीक है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। इस दिन के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह वह दिन था जब भारत गणतंत्र बना और जहां सरकार लोगों के लिए, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। हर साल गणतंत्र दिवस मनाना भारत के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत सम्मान की बात है। यह बहुत महत्व का दिन है और लोगों द्वारा विभिन्न आयोजनों में भाग लेने और भाग लेने से बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग इस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं।
राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के लिए तैयारी का काम एक महीने पहले शुरू होता है। राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली और राज्यों की राजधानियों में एक प्रमुख उत्सव की व्यवस्था पूरे भारत में होती है। राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान गाने के साथ शुरू होता है। इसके बाद, भारतीय सशस्त्र बल परेड, राज्य-वार ’झाँकी’, मार्च-पास्ट, पुरस्कार वितरण आदि गतिविधियाँ होती हैं।
इस दिन, हवा देशभक्ति की खुशबू से भर जाती है और हम हर जगह देशभक्ति के गीत और राष्ट्रीय ध्वज के उड़ने की आवाज़ सुन सकते हैं। स्कूलों और कॉलेजों के छात्र इस घटना का जश्न मनाने और एक महीने पहले से तैयारी शुरू करने के लिए बहुत उत्सुक हैं।
लगभग हर भारतीय नागरिक अपने टेलीविजन पर राजपथ, नई दिल्ली में उत्सव और परेड देखने के लिए सुबह जल्दी तैयार हो जाता है। इस दिन हर घर में ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जब लोग अपने निजी मुद्दों को भूल जाते हैं और राष्ट्रीयता और एकजुटता के साथ इस राष्ट्रीय त्योहार को मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस ही एकमात्र दिन नहीं है जब हमें अपने देश के प्रति अपनी देशभक्ति दिखानी चाहिए, बल्कि इसे अपनी दिनचर्या में दिखाना चाहिए। हमें अपने मौलिक कर्तव्यों का सख्ती से पालन करना चाहिए और अपने देश के संविधान का सम्मान करना चाहिए तभी हम अपने देश को एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकते हैं जहां हर कोई समृद्धि, शांति और सद्भाव में रहता है और यही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।
26 जनवरी 1950 वह दिन था जब भारत का संविधान लागू हुआ था। यह वह दिन था जब 300 साल के ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के बाद भारत एक गणतंत्र देश में बदल गया। तब से हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाकर दिन की याद करते हैं।
भारत का संविधान, जिसे हमारे देश के सर्वोच्च कानून के रूप में भी माना जाता है, को डॉ। बी। आर। अंबेडकर जो संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। डॉ। अंबेडकर की कठिन परिश्रम और बुद्धिमत्ता और मसौदा समिति के सदस्यों ने हमारे राष्ट्र को हमारे स्वयं के संविधान को प्राप्त करने में मदद की, जो भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में घोषित करता है।
भारतीय नागरिक के हर दिल में गणतंत्र दिवस का महत्व है। यह भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है जो हर किसी के मन में देशभक्ति की भावना का संचार करता है। यह एक ऐसा अवसर है जो युवा पीढ़ी को हमारे महान भारतीय इतिहास और संस्कृति से परिचित कराने में मदद करता है। यह वह दिन है जब हम अपने महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया।
गणतंत्र दिवस हमें एकता के महत्व को भी सिखाता है और इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को हराने में कैसे मदद की। महात्मा गांधी का अहिंसा आंदोलन हमें सिखाता है कि हम बिना हथियार उठाए या खून की बूंद बहाए एक बहुत शक्तिशाली दुश्मन को कैसे हरा सकते हैं। गणतंत्र दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि देश के सभी नागरिक संविधान के लिए समान हैं और जाति, पंथ या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।
देश भर में गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह, जोश, खुशी और ऑफ कोर्स के साथ मनाया जाता है, देशभक्ति की वास्तविक भावना के साथ। इस दिन स्कूलों में उत्सव बहुत आम देखने को मिलते हैं जहाँ बच्चों को चालाकी से तिरंगा ले जाने और हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बैज पहनने के लिए तैयार किया जाता है।
सभी स्कूलों के साथ-साथ सरकारी और निजी कार्यालयों में भी ध्वजारोहण समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। भारत के राष्ट्रपति 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं और सभी रेडियो और टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित होते हैं। मुख्य उत्सव 26 जनवरी को इंडिया गेट के पास राजपथ पर नई दिल्ली में होता है।
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा माननीय मुख्य अतिथि की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ होती है। जिसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है और उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया। राष्ट्रपति उन नागरिकों और सैनिकों को वीरता पुरस्कार प्रदान करते हैं जिन्होंने उत्कृष्ट साहस और वीरता का प्रदर्शन किया।
गणतंत्र दिवस समारोह की सुरम्य घटना भारतीय सशस्त्र बलों की परेड के साथ शुरू होती है जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति करते हैं। वह भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ होने की परेड की सलामी भी लेते हैं। परेड में हमारे देश की सैन्य क्षमता से लेकर टैंक से लेकर मिसाइल और फाइटर जेट से लेकर बंदूक तक शामिल हैं। भारतीय वायु सेना, नौसेना और सैन्य कर्मियों द्वारा कई तरह की मनमोहक प्रस्तुतियाँ भी की जाती हैं। इसके बाद विभिन्न राज्यों से रंगीन झांकी निकलती है जो राज्य की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती है।
बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह का अभिन्न अंग है और गणतंत्र दिवस के बाद एक पुराना पारंपरिक समारोह भी है। यह समारोह 29 जनवरी को नई दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। सैन्य बैंड, ट्रम्पेट, ड्रम आदि विभिन्न सेना रेजिमेंट से विभिन्न देशभक्ति धुनों को बजाते हुए प्रदर्शन करते हैं। बीटिंग द रिट्रीट एक सकारात्मक नोट के साथ 4 दिन लंबे गणतंत्र दिवस समारोह के आधिकारिक समापन का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाता है। यह वह दिन है जब हमारे देश के सभी नागरिक एकजुटता के एकल कंबल के तहत एकजुट होते हैं और उत्साह और उत्साह के साथ दिन मनाते हैं। यह हमें लोकतंत्र के मूल्य की भी याद दिलाता है और हमारे देश को आत्मनिर्भर, विकसित और लचीला बनाने के लिए अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करता है।
गणतंत्र दिवस भारत के महान राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत सैकड़ों वर्षों से ब्रिटिश शासन के अधीन था और भारतीयों की स्वतंत्रता के खिलाफ कठोर नियमों और कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर था। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के महान बलिदान और महान नेताओं के मार्गदर्शन में 15 अगस्त 1947 को भारत को अपनी स्वतंत्रता हासिल करने में मदद मिली।
लगभग ढाई साल बाद, भारत को अपना संविधान मिला, जिसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। जिस दिन ‘भारत का संविधान’ लागू हुआ, इतिहास में एक महान दिन था जिसने भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक बनाया। गणतंत्र और लोगों के हाथों में सरकार चुनने का अधिकार दिया।
15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद देश को ‘भारत सरकार अधिनियम 1935’ द्वारा शासित किया गया था। देश के लिए एक संविधान की आवश्यकता ने 28 अगस्त 1947 को एक मसौदा समिति की नियुक्ति का नेतृत्व किया, जिसकी अध्यक्षता डॉ। बी.आर. अम्बेडकर। मसौदा समिति ने संविधान सभा को प्रारूप प्रस्तुत किया जो 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था (जिसे हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है) और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
भारत का पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम), दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ। सुकर्णो और उनकी पत्नी थे। डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने सशस्त्र बलों की सलामी ली और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को 15000 से अधिक लोगों ने देखा।
किसी देश का संविधान उसके लोगों और उसके विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है और जिस दिन यह लागू होता है वह किसी राष्ट्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन होता है। 26 जनवरी एक ऐसा दिन भी है जो भारत के प्रत्येक नागरिक के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह वह दिन था जब देश के लिए सरकार चुनने की स्वतंत्रता और अधिकार अपने नागरिकों के हाथों में दिए गए थे।
संविधान ने अपने नागरिकों के लिए मूल मौलिक अधिकारों को भी परिभाषित किया और लोगों को बोलने, समानता, स्वतंत्रता और न्याय की स्वतंत्रता दी ताकि वे सम्मान, सम्मान के साथ रह सकें और बिना किसी भय या बल के खुद को अभिव्यक्त कर सकें।
गणतंत्र दिवस वह दिन है जो हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदानों के बारे में याद दिलाता है जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन त्याग दिया। यह वह दिन है जो भारत की समृद्ध एकता और विविधता ’की संस्कृति को दुनिया को दिखाने में मदद करता है। गणतंत्र दिवस लोगों को राष्ट्र के प्रति उनके अधिकारों और उनके कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह राष्ट्र को देशभक्ति और एकता के एक ही रंग में रंग देता है।
वर्ष 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर में पूर्ण स्वराज ’की मांग की या पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की और 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस’ घोषित करने का निर्णय लिया गया। 20 साल बाद, जब संविधान सभा लागू होने की तारीख को अंतिम रूप दे रही थी, 26 जनवरी को सर्वसम्मति से उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया था, जो पहले ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग कर रहे थे, और भारत का संविधान बनाने के लिए आए थे।
गणतंत्र दिवस पूरे देश में उत्साह, जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। समारोह में समाज के सभी वर्गों के लोग बड़ी देशभक्ति और आनंद के साथ भाग लेते हैं। सभी स्कूल और कॉलेज इस अवसर को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
ध्वजारोहण समारोह, राष्ट्रगान और विभिन्न भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का गायन, लोक नृत्य, नाटक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दर्शाने वाले नाटक आयोजित किए जाते हैं ताकि छोटे बच्चों को हमारे देश के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पता चले।
मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह की भव्यता केवल राजपथ, नई दिल्ली में देखी जा सकती है, जहां भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, जिसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों की विभिन्न रेजिमेंटों द्वारा राष्ट्रगान गाया जाता है और सलामी दी जाती है। यह दिन स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को गर्म श्रद्धांजलि देकर और युद्ध के मैदान में वीरता और वीरता के महान कार्य के लिए भारतीय सेना के सैनिकों को सम्मानित करने के लिए भी याद करता है।
गणतंत्र दिवस परेड 26 जनवरी के समारोह का मुख्य आकर्षण है जो भारत की रक्षा और युद्ध क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। अपनी पूरी वर्दी में भारतीय सशस्त्र बलों के विभिन्न रेजिमेंटों के सैनिकों का सिंक्रनाइज़ मार्च पास्ट सभी के लिए एक आंख को पकड़ने वाला दृश्य है और दर्शकों के दिल को देशभक्ति से भर देता है।
परेड के बाद विभिन्न राज्यों और विभागों की झांकी के बाद राज्य की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों का प्रदर्शन किया जाता है। झांकी का रंगीन प्रदर्शन राजपथ को जीवंतता और ऊर्जा से भर देता है। सर्वश्रेष्ठ झांकी और रेजिमेंट को हर साल गणतंत्र दिवस की परेड में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाता है।
बीटिंग द रिट्रीट ’समारोह हर साल 29 जनवरी को नई दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। यह समारोह भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों विंगों के बैंडों के उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह का आधिकारिक समापन भी है। प्रदर्शन के बाद, राष्ट्रीय ध्वज शाम को उतारा जाता है जो आधिकारिक तौर पर 4 दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह ख़त्म होता है।
भारत को दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है और गणतंत्र दिवस लोकतंत्र का त्यौहार है जो हमें इसे प्राप्त करने के लिए खर्च किए गए पसीने और रक्त के बारे में याद दिलाता है। यह प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनी जाति, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना मनाया जाता है और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण में मदद करता है जो सभी कठिन चुनौतियों से पार पाने के लिए एकजुट और तैयार है।
यदि हम वास्तव में गणतंत्र दिवस को वास्तविक अर्थों में मनाना चाहते हैं तो भारत के प्रत्येक व्यक्ति को देश की भलाई के लिए काम करने का संकल्प लेना चाहिए और राष्ट्र की प्रगति और विकास में अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए।
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गणतंत्र दिवस पर निबंध 2024 Essay On Republic Day In Hindi And English : Our India is a democratic country since 26 January 1950.
गणतंत्र दिवस निबंध On 26 January our constitution was applied all over India. Remembering this day we celebrate Republic Day every year on 26 January. We bring Essay On Republic Day In Hindi And English for students and kids.
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The republic day celebration Or national Festival Or the festival I like most essay in English-
india is republic. it means that it has a government of the people. on January 26, 1950. india become a republic. since then we have been celebrating this day every year.
it is an important day. it is the national festival. I like it most. the rich and the poor celebrate. it alike. in Delhi, a ground procession is taken out. this year, I went to the India gate, to see it. people sat by the roadside to watch the procession.
the president took the salute from the army. thousands of soldiers took part in the parade. they passed through the main roads. school boys and girls also took part.
then followed the pagent. the scene was beautiful. they showed the ways of life in different states. the whole procession was lovely.
भारत गणराज्य है। इसका मतलब है कि हमारे देश में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्याशियों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारत एक गणतंत्र राष्ट्र बन गया था। तब से हम हर साल २६ जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आ रहे रहे हैं।
यह हमारे देश के इतिहास का महत्वपूर्ण दिन है। रिपब्लिक डे हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है। मुझे यह सबसे ज्यादा पसंद है। अमीर और गरीब जश्न मनाते हैं।
दिल्ली के इंडिया गेट पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस साल, मैं इसे देखने के लिए इंडिया गेट गया था। लोग गणतंत्र दिवस का जुलूस देखने के लिए सड़क के किनारे बैठे थे।
राष्ट्रपति ने सेना को सलामी दी। परेड में हजारों सैनिकों ने भाग लिया। वे मुख्य सड़कों से गुज़र गए। स्कूल लड़कों और लड़कियों ने भी भाग लिया। राष्ट्रगान गाया गया।
गनतंत्र दिवस का यह दृश्य बहुत सुंदर था। यहाँ पर विभिन्न राज्यों में जीवन की विभिन्न झलकियाँ प्रस्तुत की गईं, जों रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन का एक अहम आकर्षण केंद्र था.
26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश का नया संविधान लागू हुआ था. अपना संविधान लागू होने से हमारा देश पूर्ण रूप से गणतंत्र बन गया. इसलिए हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है.
गणतंत्र दिवस हमारे लिए राष्ट्रीय त्योहार है. पूरे देश में इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. भारत की राजधानी दिल्ली में बड़ी तैयारियां की जाती है. राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, लाल किले व सरकारी इमारतों पर रोशनी की जाती है.
इस दिन हमारे देश के राष्ट्रपति विजय चौक पर झंडा फहराते है. समारोह के सारे कार्यक्रम वही पर आयोजित किये जाते है. राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते है तथा सेना की तीनों टुकड़ियों की सलामी लेते है. सभी राज्यों की सुंदर झाकियां निकाली जाती है.
हमारे विद्यालय में भी गणतंत्र दिवस उत्साह के साथ मनाया जाता है. प्रधानाध्यापक महोदय झंडा फहराते है. कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है. सभी विद्यार्थियों को मिठाई बांटी जाती है.
Republic Day Essay in Hindi भारतीय गणतंत्र दिवस पर निबंध (रिपब्लिक डे एस्से). essays on Republic Day in Hindi language for students:
हमारे राष्ट्रीय पर्वों में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस प्रमुख हैं. गणतंत्र का अभिप्रायः हैं गण=समूह, तंत्र=व्यवस्था. अर्थात समूह द्वारा शासन को संचालित करना.
वर्ष 1947 से पहले भारत में अंग्रेजों की सरकार थी. स्वतंत्र होने के बाद जनता के प्रतिनिधियों ने सरकार का गठन किया तथा गणतंत्रात्मक पद्धति से शासन का संचालन प्रारम्भ हुआ, यह व्यवस्था जिस दिन से प्रारम्भ की गई, वह दिन ही गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं.
गणतंत्र दिवस मनाने का कारण – जब 1947 में जब देश आजाद हुआ तो शासन चलाने के लिए अपना संविधान बनाया गया. यह संविधान 26 जनवरी 1950 को क्रियान्वित किया गया.
हमारा देश उसी दिन से गणतंत्र बन गया. इसी ख़ुशी को व्यक्त करने के लिए पूरा राष्ट्र 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में धूमधाम के साथ मनाता हैं.
रिपब्लिक डे गणतंत्र दिवस मनाने का तरीका – गणतंत्र दिवस समारोह पूरे देश में मनाया जाता हैं. भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस विशेष रूप से मनाया जाता हैं
इस दिन प्रातः आठ बजे के बाद भारत के राष्ट्रपति इंडिया गेट के पास सलामी लेते है और ध्वजारोहण करते हैं, अनेक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
सभी राज्यों में सरकारी भवनों, स्कूलों, कॉलेजों में राष्ट्रध्वज फहराया जाता हैं. रात्रि में सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती हैं.
इस दिन दिल्ली को विशेष रूप से दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं. महीनों पहले गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां चलती हैं.
विदेशों से अनेक सम्मानित अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह को देखने के लिए दिल्ली आते हैं. भारत के हर नगर में प्रभात फेरी निकाली जाती हैं. स्कूल कोलेज में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
उपसंहार- गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं. इसके साथ हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं. आजादी की रक्षा का हमारा संकल्प भी हम इसी दिन लेते हैं. तथा स्वतंत्रता प्राप्त करने में जिन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया हैं, उन्हें हम याद करके स्वयं को गौरवान्वित करते हैं.
भारत में सभी उत्सव और पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते है कुछ पर्व धार्मिक सामाजिक तो कुछ राष्ट्रीय पर्व होते हैं. 26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं.
इसी दिन वर्ष 1950 में हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुआ था. भारत ने इस दिन अपना स्वयं का संविधान अंगीकार किया तथा देश में एक नई लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना हो गई.
26 जनवरी ही वो दिन इसलिए बनाया गया जब इस दिन संविधान लागू करना था. इसके पीछे की कहानी यह है कि इसी दिन वर्ष 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई थी.
26 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में किया जाता हैं. जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होते है वे परेड की सलामी लेते है तथा ध्वजारोहण के बाद राष्ट्र के नाम अपना संदेश देते हैं.
26 जनवरी गणतंत्र दिवस Gantantra Diwas 2024 के इस पावन अवसर पर सभागार में उपस्थित सभी लोगों की इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं. आज 74 वाँ रिपब्लिक डे मनाने जा रहे हैं.
यह सम्पूर्ण भारत देश के लिए एक गर्व का दिन हैं. भारत कई वर्षों तक ब्रिटिश राज का गुलाम था. आखिर वे गुलामी की बेड़ियाँ 15 अगस्त सन 1947 में टूटी और हमारा देश आजाद हो गया था. मगर आजादी के बाद भी भारत में अंग्रेजों के बनाएं कानून ही चलन में थे.
अतः भारत के राजनीतिज्ञों ने देश को अपना एक संविधान देने का निश्चय हुआ. इस बाबत कई वर्षों की मेहनत के बाद भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ, और इसे 26 जनवरी 1950 को पूरे भारत में लागू करने के साथ ही हमारा देश पूर्ण रूप से अंग्रेजों के शासन से मुक्त हो गया था.
भारत की स्वतंत्रता- स्वतंत्रता मानव मात्र का जन्म सिद्ध अधिकार हैं. पशु पक्षी भी बंधन और परतन्त्रता में दुखी रहते हैं. हमारा देश समय चक्र और हमारी भूलों के कारण परतंत्र हो गया.
सैकड़ों वर्षों तक हमें पराधीनता का अपमानजनक जीवन बिताना पड़ा. किन्तु देश भक्तों के संघर्ष और बलिदान ने परतन्त्रता की जंजीरों को तोड़ डाला और 15 अगस्त 1947 को हमारा प्यारा भारत स्वतंत्र हो गया.
गणतंत्र की स्थापना- 15 अगस्त को हम स्वतंत्र तो हो गये लेकिन देश में विदेशियों के बनाए विधान और कानून बने रहे. अन्तः 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में अपना संविधान लागू किया गया.
हमने देश में पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतंत्रात्मक शासन की स्थापना की. 26 जनवरी 1929 को ही हमारे नेताओं और जनता ने रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वतंत्रता का संकल्प लिया था. इसी कारण 26 जनवरी को ही गणतंत्र स्थापना का दिन निश्चित किया गया.
देश में तथा दिल्ली में मनाया जाना- 26 जनवरी को पूरे देश में गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं. लेकिन दिल्ली में इसका आयोजन बड़ी धूमधाम और भव्यता से होता हैं.
इस दिन प्रातःकाल प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर जाकर देश के शहीदों के प्रति पुष्पांजलि अर्पित करते हैं. विजय चौक पर मुख्य आयोजन होता हैं.
राष्ट्रपति के आयोजन स्थल पर आने पर प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं. किसी देश के प्रमुख को इस दिन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता हैं.
राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और आयोजन प्रारम्भ हो जाता हैं. सेना के तीनों अंग तथा पुलिस बल राष्ट्रपति को सलामी देते हुए गुजरते हैं. सेना के प्रमुख अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता हैं.
विद्यालयों के बच्चे तथा विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. वीरतापूर्ण कार्यों के लिए पुरस्कार प्राप्त बच्चें हाथी पर बैठकर राष्ट्रपति को अभिवादन करने निकलते हैं.
अंत में देश के सभी राज्यों की विविध झांकिया निकलती हैं. रात को सरकारी भवनों तथा राष्ट्रपति भवन को बिजली की बत्तियों से सजाया जाता हैं. दिल्ली के साथ ही देश के सभी राज्यों के सरकारी विभागों में तथा विद्यालयों में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.
गणतंत्र दिवस का संदेश- गणतंत्र दिवस हमें देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान होने वाले वीर सपूतों की याद दिलाता हैं और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने का संदेश देता हैं. गणतंत्र दिवस हमे याद दिलाता है कि गणतंत्र में जनता ही महत्वपूर्ण होती हैं.
यह स्वयं अपनी शासक होती हैं. अपनी प्रगति के लिए योजना बनाने तथा उसको लागू करने का अधिकार भी जनता का ही होता हैं. वह अपने चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा ही शासन करती हैं.
अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के भ्रष्ट और स्वेच्छाकारी होने पर उनको हटाने तथा नयें प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार भी जनता का ही होता हैं. गणतंत्र दिवस हमें बताता है कि हमें मताधिकार का प्रयोग सावधानीपूर्ण करना चाहिए.
उपसंहार- राष्ट्रीय पर्वों का हमारे लिए अत्यंत महत्व है. ये दिवस हमें राष्ट्रीय गौरव से ओत प्रेत करते है और देश भक्ति की भावना जगाते हैं. हम सभी को इनमें उत्साह के साथ भाग लेना चाहिए.
हमारा भारत देश 200 वर्षो तक अंग्रेजो की गुलामी से 15 अगस्त 1947 को जाकर आजाद हुआ था. देश की आजादी के बाद भी ब्रिटिश सरकारों के बने कानूनों से हमारी शासन व्यवस्था चलती थी.
राष्ट्र के बड़े नेताओं द्वारा स्वयं की कानून व्यवस्था तैयार करने के लिए सविधान सभा का गठन किया गया जिसनें कड़ी मेहनत से नवम्बर 1949 को भारत का सविधान तैयार किया गया, जिन्हें 26 जनवरी 1950 को पुरे देश में लागू किया गया था. इस दिन को यादगार बनाने के लिए हम हर साल गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है.
हमारा देश त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है. जब से हमारा देश आजाद हुआ है जब से राष्ट्रिय भावनाओं पर आधारित कुछ पर्वो की शुरुआत हो गई है. कुछ पर्व देश के महान महापुरुषों के जन्म दिन और उनकी याद में मनाए जाते है.
जिनमे 2 अक्टूबर को गाँधी, शास्त्री जयंती आदि. कुछ पर्व हमारे देश की द्रष्टि से अति महत्वपूर्ण होते है. जिनमे 15 अगस्त और 26 जनवरी मुख्य है. 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.
राष्ट्रिय द्रष्टि से 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस का बड़ा महत्व है. इसी दिन भारत को गणतंत्र घोषित किया गया था. साथ ही इस दिन भारत का सविधान लागू हुआ था.
मनाने का ढंग- 26 जनवरी के दिन पुरे देश में प्रसन्नता और हर्ष की लहर दौड़ जाती है. इस दिन सुबह से शाम तक प्रत्येक शहर/नगर में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
कई ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिनमे सभी शहरवासी शामिल होकर सामूहिक रूप से भाग ले सके तथा इस दिन को आनन्द पूर्वक मना सके.
गणतंत्र दिवस के दिन देशभर में राजकीय अवकाश होता है. हर स्कुल में कोई न कोई कार्यक्रम का आयोजन अवश्य होता है.
इस गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में विद्यालयों व कोलेजों में ध्वजारोहण के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत होती है, जिनमे सभी शिक्षक और छात्र सम्मलित होते है. इस दिन गाँवों व् शहरों में सुबह प्रभात फेरी निकाली जाती है.
राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल होते है. राष्ट्रिय स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में होता है.
हमारे देश का सैन्य विकास तथा कुशलता व देश की सांस्कृतिक विविधता की गौरवपूर्ण एवं मनोरम झांकिया प्रस्तुत की जाती है, सायकाल में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है.
उपसंहार- इस तरह यह हमारा राष्ट्रिय पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यह दिन हमे याद दिलाता है कि अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए. तथा हमे पूर्ण रूप से अनुशासित रहकर देश के विकास में सहयोग करना चाहिए.
प्रस्तावना – हमारे राष्ट्रीय पर्वों में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस प्र मुख हैं. गणतंत्र का अभिप्राय हैं गण=समूह+तंत्र- व्यवस्था, अर्थात समूह द्वारा शासन को संचालित करना. वर्ष 1947 से पूर्व भारत में अंग्रेजों की सरकार थी.
स्वतंत्र होने के बाद जनता के प्रतिनिधियों की सरकार का गठन किया तथा गणतंत्रतात्मक पद्धति से शासन का संचालन आरम्भ किया. यह व्यवस्था जिस दिन से प्रारम्भ की गई, वह दिन ही गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं.
गणतंत्र दिवस मनाने का कारण – वर्ष 1947 में जब हमारा भारत देश आजाद हुआ तो शासन चलाने के लिए संविधान का निर्माण किया गया. यह संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू किया गया.
हमारा देश उसी दिन से गणतंत्र बन गया. इस ख़ुशी को व्यक्त करने के लिए पूरा राष्ट्र 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में धूमधाम से मनाता हैं.
26 जनवरी, गणतंत्र दिवस मनाने का तरीका- गणतंत्र दिवस का समारोह पूरे देश में मनाया जाता हैं. भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस विशेष उत्सव मनाया जाता हैं.
इस दिन प्रातः आठ बजे के बाद भारत के राष्ट्रपति इंडिया गेट के पास सलामी लेते हैं, तथा ध्वजारोहण करते हैं.
अनेक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. सभी राज्यों में सरकारी भवनों पर, स्कूल कोलेजों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता हैं. रात्रि में सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती हैं.
इस दिन दिल्ली को विशेष दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं. महीनों पहले गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां चलती हैं.
विदेशों से अनेक सम्मानित अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह को देखने के लिए दिल्ली आते हैं. भारत के हर नगर में प्रभात फेरी निकाली जाती हैं, स्कूल कॉलेज में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
उपसंहार- गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं. इसके साथ हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं. आजादी की रक्षा का संकल्प भी हम इस दिन लेते हैं.
तथा स्वतंत्रता प्राप्ति में जिन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया, उन्हें हम ताड़ करके स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं.
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By: Amit Singh
भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 70 साल पहले 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। जिसके बाद से भारत न सिर्फ एक गणतंत्रात्मक लोकतंत्र बन गया बल्कि पूर्ण रुप से स्वतंत्र देश भी बना और राष्ट्रपति को देश का मुखिया नियुक्त किया गया।
लगभग 200 साल से भी ज्यादा की गुलामी और एक लम्बे स्वतंत्रता संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। लेकिन आजाद भारत की सुबह भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के साथ हुई। हालांकि देश को चलाने के लिए जिन नियमों और कानूनों का उपयोग हो रहा था, उनकी जड़ें अभी तक ब्रिटिश शासन से जुड़ीं हुई थीं। यही नहीं भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को भी ब्रिटिश संसद से ही पारित किया था।
गौतम का जो वतन है , जापान का हरम है ,
ईसा के आशिक़ों को मिस्ले-यरूशलम है ,
मदफ़ून जिस ज़मीं में इस्लाम का हरम है ,
हर फूल जिस चमन का , फिरदौस है , इरम है ,
मेरा वतन वही है , मेरा वतन वही है॥
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ऐसे में जाहिर है, देश को एक नए संविधान की जरुरत थी, जो न सिर्फ नवनिर्मित सरकार को देश चलाने का खाका पेश करे बल्कि आम नागरिकों को भी उनके हक मुहैया कराने में पूरी तरह से सक्षम हो। republic day history
लिहाजा आजादी के फौरन बाद भारत में संविधान सभा गठन किया गया। जिसके सदस्यों का चयन जनता द्वारा प्रत्यक्ष मतों के आधार पर किया था। यही नहीं संविधान सभा में भारत के हर कोनों के नुमाइंदें मैजूद होने के कारण देश की विविधताओं की झलक आसानी से देखी जा सकती थी। constituent assembly
मौलिक भी अधिकार दिए हैं
धर्म कर्म संसार दिया है
जीने का अधिकार दिया है
सबको भाषण की आजादी
कोई भी बन जाये गांधी
इसी कड़ी में संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई थी। जहां देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस बैठक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था, वहीं बंटवारे की मांग पर अडिग मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
संविधान सभा की पहली बैठक में कुल 211 सदस्यों ने शिरकत की। डॉक्टर सच्चिदानन्द सिन्हा को सभा का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बाद में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को अध्यक्ष के तौर पर चुना गया। वहीं एच.सी.मुखर्जी और वी.टी.कृष्णामचारी को सभा का उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ-साथ बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर को संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।
13 दिसम्बर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरु ने सभा के समक्ष संविधान की प्रस्तावना पेश की, जिसमें संविधान के तत्वों का विवरण शामिल किया गया था।
इसके अलावा 22 जनवरी 1947 को तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के रुप में अपनाया गया। 24 जनवरी 1950 को जन गण मन को राष्ट्रीय गान और वंदे मातरम को राष्ट्रीय गाना चुना गया। वहीं संविधान के निर्माण में कुल 64 लाख का खर्च आया था।
आखिरकार 2 साल 11 महीनें 18 दिनों में लगभग 60 देशों के संविधानों को खंगालने और कुल 11 बैठकों के बाद 26 नवम्बर 1949 को सर्वसम्मति के साथ संविधान को हरी झंडी दिखाई गयी। जिसके बाद देश का संविधान 26 जनवरी 1950 के दिन से अस्तित्व में आया। indian constitution
26 जनवरी 1950, इस तारीख से महज 30 साल पहले गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा समूचा देश आजादी की गगुहार लगा रहा था, तभी कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के दौरान 26 जनवरी 1930 को गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज का नारा दिया था।
यही कारण है कि आजादी के बाद इसी दिन को संविधान निर्माताओं द्वारा गणतंत्र दिवस के रुप में चुना गया। republic day importance
ताकतवर बहुत है यह गणतंत्र , बदल देता है यह राज्य तंत्र।
कमजोर नहीं शक्तिशाली है यह , है सत्ता परिवर्तन का सहज यह मंत्र।।
संविधान देता है सबको हक़ जीने का, अवसर शाशन हेतु साठ महीने का।
जनता बिठाती है सर आँखों पर लेकिन , बदले में चाहती है शाशन करीने का।।
हर साल गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ से देश को संबोधित करते हुए जश्न का आगाज करते हैं। जहां एख तरफ इस दिन को देश में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है, वहीं राजपथ पर विभिन्न झांकियां देश में मौजूद विविधताओं को बखूबी दर्शाती हैं। republic day celebration
26 जनवरी के दिन राजधानी दिल्ली सकड़ो पर होने वाली परेड रक्षा मंत्रालय द्वारा आ.जित की जाती है। यह परेड रायसेना हिल पर स्थित राष्ट्रपति भवन से राजपथ होते हुए इंडिया गेट तक जाती है। तीन दिनों चलने वाली यह परेड गणतंत्र दिवस का सबसे बड़ा आकर्षण होती है।
इस परेड में भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय जल सेना से कुल 9 से 11 विभिन्न रेजिमेंट शिरकत करते हैं। इसके साथ-साथ 12 पैरा-मिलीट्री फोर्स और पुलिस फोर्स भी इस परेड का हिस्सा होते हैं। यह परेड सेना के कमांडर इन चीफ यानी राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। republic day parade
26 जनवरी सेतीन दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवस के जश्न के बाद 29 जनवरी की शाम को बीटिंग रीट्रीट की शुरुआत होती है। इसका आगाज भारत की तीनों प्रमुख सेनाएं रायसेना हिल पर स्थित राष्ट्रपति भवन से राजपथ तक करती हैं।
इस सेरेमनी में राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हैं। राष्ट्रपति के आगमन के बाद सेनाएं उन्हें सलामी देते हुए राष्ट्रीय गान गाया गाती हैं। बीटिंग रीट्रीट के दौरान सेना के जवान कई गायनयंत्र बजाते हुए पहले भारतीय सेना की विभिन्न रेजीमेंट कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं, जिसके बाद भारतीय जल सेना और वायु सेना भी महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन अबाईड विद मी के साथ प्रस्तुती पेश करते हैं।
अंत में सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा गीत के साथ बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी को शत्म किया जाता है। beating retreat
26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति देश की कुछ प्रमुख हस्तियों को उनके अद्भुत कार्य के लिए विभिन्न खिताबों से नवाजते हैं। इस कड़ी में भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री का नाम शामिल है।
भारत रत्न देश का सर्वोच्च पुरुस्कार है। यह पुरुस्कार हर गणतंत्र दिवस पर महज तीन नामचीन शख्सियतों को दिया जाता है। वहीं पद्म विभूषण दूसरा, पद्म भूषण तीसरा और वद्म श्री चौथा सबसे बड़ा खिताब है।
इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति देश के शहीदों और सेना के जवानों को उनके शौर्य के लिए कई सेना मेडल भी प्रदान करते हैं। सेना का सर्वोच्च पुरुस्कार परमवीर चक्र भी राष्ट्रपति द्वारा गणतंत्र जिवस के मौके पर ही दिया जाता है। republic day award ceremony
गणतंत्र दिवस पर कविता | poem on republic day
मैं भारत का संविधान हूं , लालकिले से बोल रहा हूं
मैं शक्ति का अमर गर्व हूं, आजादी का विजय पर्व हूं
पहले राष्ट्रपति का गुण हूं, बाबा भीमराव का मन हूं
मैं बलिदानों का चन्दन हूं, कर्त्तव्यों का अभिनन्दन हूं
लोकतंत्र का उदबोधन हूं, अधिकारों का संबोधन हूं
मैं आचरणों का लेखा हूं, कानूनी लक्ष्मन रेखा हूं
कभी-कभी मैं रामायण हूं, कभी-कभी गीता होता हूं
मैं भारत का संविधान हूं , लालकिले से बोल रहा हूं … ।
गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है.
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। इसीलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
26 जनवरी 1950 से 30 साल पहले कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के दौरान 26 जनवरी 1930 को गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज का नारा दिया था।
भारत का राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रुप से जनता द्वारा ही होता है, इसीलिए भारत को एक गणतांत्रकि देश कहा जाता है
भारतीय उत्सवों पर निबंध
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१५ अगस्त, १९४७ को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था, पर हमारे देश में हमारा अपना संविधान २६ जनवरी, १९५० को लागू किया गया था। इसी दिन हमारे देश को सार्वभौम गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया। तब से हर साल २६ जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
२६ जनवरी को विद्यालयों और कार्यालयों में छुट्टी रहती है। सुबह जगह-जगह झंडा-वंदन के कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रगान 'जन-गण-मन गाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में अनेक कार्यक्रम होते हैं। गणतंत्र की पूर्व संध्या को हमारे राष्ट्रपति दूरदर्शन पर राष्ट्र के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। इस संदेश में वे देश से जुड़ी हुई समस्याओं की चर्चा करते हैं और देशवासियों तथा विदेशों में बसे भारतीयों का अभिनंदन करते हैं।
राजधानी दिल्ली में इस दिन भारतीय सेना की शानदार परेड होती है। परेड में विभिन्न प्रांतों की सुंदर झाँकियाँ भी होती हैं। भारत के राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन यानी २६ जनवरी को मकानों की खिड़कियों पर छोटे-छोटे तिरंगे झंडों की शोभा दर्शनीय होती है। जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रमों की धूम मच जाती है। २६ जनवरी हमारा राष्ट्रीय त्योहार है।
26 जनवरी – गणतन्त्र दिवस निबंध व भाषण.
Last Updated: July 17, 2020 By Gopal Mishra 75 Comments
२६ जनवरी पर निबंध व भाषण .
मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों की गाथाओं से भारतीय इतिहास के पृष्ठ भरे हुए हैं। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में भारत माता के वीर सपूतों ने, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दिया था। ऐसे ही महान देशभक्तों के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरूप हमारा देश, गणतान्त्रिक देश हो सका।
➡ 2020 गणतंत्र दिवस पर नया दमदार भाषण यहाँ क्लिक कर पढ़ें
गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो भारत में सभी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, परन्तु गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस पर्व का महत्व इसलिये भी बढ जाता है क्योंकि इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं? मित्रों, जब अंग्रेज सरकार की मंशा भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाने की नजर नही आ रही थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्णस्वराज्य की शपथ ली। पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभकतों ने अपने-अपने तरीके से आजादी के लिये कमर कस ली थी। एकता में बल है, की भावना को चरितार्थ करती विचारधारा में अंग्रेजों को पिछे हटना पङा। अंतोगत्वा 1947 को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनायेंगे।
26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास में इसलिये भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी।
मित्रो, भारत से व्यपार का इरादा लेकर अंग्रेज भारत आये थे, लेकिन धीरे -धीरे उन्होने यहाँ के राजाओं और सामंतो पर अपनी कूटनीति चालों से अधिकार कर लिया। आजादी कि पहली आग मंगल पांडे ने 1857 में कोलकता के पास बैरकपुर में जलाई थी, किन्तु कुछ संचार संसाधनो की कमी से ये आग ज्वाला न बन सकी परन्तु, इस आग की चिंगारी कभी बुझी न थी। लक्ष्मीबाई से इंदिरागाँधी तक, मंगल पांडे से सुभाष तक, नाना साहेब से सरदार पटेल तक, लाल(लाला लाजपत राय), बाल(बाल गंगाधर तिलक), पाल(विपिन्द्र चन्द्र पाल) हों या गोपाल, गाँधी , नेहरु सभी के ह्रदय में धधक रही थी।
13 अप्रैल 1919 की (जलिया वाला बाग) घटना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अधिक दुखदाई घटना थी। जब जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था। यही वह घटना थी जिसने भगत सिंह और उधम सिंह जैसे, क्रांतीकारियों को जन्म दिया। अहिंसा के पुजारी हों या हिंसात्मक विचारक क्रान्तिकारी, सभी का ह्रदय आजादी की आग से जलने लगा। हर वर्ग भारतमात के चरणों में बलिदान देने को तत्पर था।
अतः 26 जनवरी को उन सभी देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अपिर्त करते हुए, गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारतवर्ष के कोने-कोने में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती है। भारत की राजधानी दिल्ली समेत प्रत्येक राज्य तथा विदेषों के भारतीय राजदूतावासों में भी यह त्योहार उल्लास व गर्व से मनाया जाता है।
26 जनवरी का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में भव्यता के साथ मनाते हैं। देश के विभिन्न भागों से असंख्य व्यक्ति इस समारोह की शोभा देखने के लिये आते हैं। हमारे सुरक्षा प्रहरी परेड निकाल कर, अपनी आधुनिक सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं तथा सुरक्षा में सक्षम हैं, इस बात का हमें विश्वास दिलाते हैं।
26 जनवरी की परेड
परेड विजय चौक से प्रारम्भ होकर राजपथ एवं दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से गुजरती हुयी लाल किले पर जाकर समाप्त हो जाती है। परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं। राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है।
आकाश में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की टुकडि़यां, बैंडो की धुनों पर मार्च करती हैं। पुलिस के जवान, विभिन्न प्रकार के अस्त्र-षस्त्रों, मिसाइलों, टैंको, वायुयानो आदि का प्रदर्षन करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेषभूषा में कदम से कदम मिलाकर चलने का दृष्य बड़ा मनोहारी होता है। यह भव्य दृष्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति भक्ति तथा ह्रदय में उत्साह का संचार होता है।
स्कूल, कॉलेज की छात्र-छात्राएं, एन.सी.सी. की वेशभूषा में सुसज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हुए यह विश्वास उत्पन्न करते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा पंक्ति अपने कर्तव्य से भलीभांति परिचित हैं। मिलेट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सारे वातावरण को देशभक्ति तथा राष्ट्र-प्रेम की भावना से गुंजायमान करते हैं। विभिन्न राज्यों की झांकियां वहाँ के सांस्कृतिक जीवन, वेषभूषा, रीति-रिवाजों, औद्योगिक तथा सामाजिक क्षेत्र में आये परिवर्तनों का चित्र प्रस्तुत करती हैं। अनेकता में एकता का ये परिदृष्य अति प्रेरणादायी होता है। गणतन्त्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी कार्यालयों पर रौशनी की जाती है।
26 जनवरी का पर्व देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है। प्रत्येक भारतीय को अपने देश की आजादी प्यारी थी। भारत की भूमि पर पग-पग में उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-
कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।
ऐसे ही अनेक देशभक्तों की शहादत का परिणाम है, हमारा गणतान्त्रिक देश भारत।
26 जनवरी का पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है। लहराता हुआ तिरंगा रोम-रोम में जोश का संचार कर रहा है, चहुँओर खुशियों की सौगात है। हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजली से नमन करें, वंदन करें।
जय हिन्द, जय भारत
अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में तत्पर हैं। उनके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें – नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा और उनसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
26 जनवरी पर अनिता जी का एक और लेख यहाँ पढ़ें.
Thanks a lot Anita ji for inspiring us with a great Republic Day Essay in Hindi. One may use it to deliver Republic Day Speech in Hindi (BHASHAN)
Note: अनिता जी द्वारा अन्य लेख पढने के लिए नीचे टैग्स में दिए उनके नाम पर क्लिक करें .
March 22, 2018 at 2:50 pm
Thank you so much for sharing wonderful speech with us.
January 26, 2018 at 11:42 pm
me apki website ki regular user hu. apki story and post padh k bhut mja aata h. thanks for making this website.
January 25, 2018 at 7:32 am
मेरा भारत महान, बहुत अच्छी स्पीच थी
January 21, 2018 at 5:10 pm
लोकतंत्र = जनता का जनता द्वारा शासन । गणतंत्र = जहां का राष्ट्र अध्यक्ष निर्वाचित होता है । यहां लोकतंत्र को गणतंत्र के रूप में परिभाषित किया गया है । जो कि गलत है ।
January 26, 2017 at 12:28 am
Very Good speech on republic days….. avneet
January 25, 2017 at 10:22 pm
It’s my best speech i ever read THANK YOU
January 22, 2017 at 12:03 pm
thx for sharing this speech 🙂
January 20, 2017 at 1:56 pm
thank u so much anita ji for good speech on republic days ..
January 19, 2017 at 8:05 am
Thank you very much for nice speech…….
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26 january 2023 : गणतंत्र दिवस यानि की रिपब्लिक डे इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और पुरे देश में इसे लागू किया गया था हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर लागू उसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे पुरे राष्ट्र में लागू कर दिया गया | अक्सर स्कूल में पढने वाले छात्रों को कहा जाता है – गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखिए, 26 जनवरी निबंध हिंदी में, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस निबंध व 73rd republic day, nibandh in hindi pdf. इसलिए आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में, 26 जनवरी 2023 पर निबंध और महत्व|
26 जनवरी क्यों मनाई जाती है: भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में यह दिन मनाया जाता है |इस साल हम अपना 73rd Republic Day मनाने जा रहे है। Gantantra diwas par nibandh in hindi इस प्रकार हैं:
गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार
1. हमारी मात्रभूमि कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के अधीन थी। कई वर्षों के संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और जीवन न्योछावर करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली।स्वतंत्रता के ढाई वर्ष के बाद भारत सरकार ने स्वयं का संविधान लागु किया और भारत को एक प्रजातांत्रिक गणतंत्र घोषित किया। लगभग 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को भारत की संविधान सभा में पास किया गया। इस घोषणा के बाद से इस दिन को प्रतिवर्ष भारतीय लोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे।
2. हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी का दिन भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव और सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, खासतौर पर स्कूलों और सरकारी दफतरों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। साथ ही इस मौके पर भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
3. 26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया। भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है। इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।
Gantantra Diwas पर निबंध for स्कूल
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है इस पर्व को सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर मनाते हैं। यह पर्व किसी धर्म, जाति या समुदाय से जुड़ा नहीं है। हर साल 26 जनवरी को इस पर्व को मनाया जाता है। भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ था इसलिए इस पर्व को हर साल 26 जनवरी के दिन ही मनाते हैं। इस पर्व को राजधानी दिल्ली में राजपथ पर खासतौर से मनाया जाता है जिसमें देश के गणमान्य व्यक्ति जैसे, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रिमंडल के सदस्य भाग लेते हैं। राजपथ पर राज्यों की झांकियों के अलावा भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन की झलक भी दिखाई जाती है। राजपथ पर होने वाली परेड और झांकी के दौरान हर साल एक विदेशी मेहमान भारत का खास अतिथि होता है। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों थे। गणतंत्र दिवस का आयोजन राजपथ पर पहली बार 1955 में किया गया था। गणतंत्र दिवस भारत के दो अन्य प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों स्वंतत्रता दिवस और गांधी जयंती में शामिल है। यूं तो भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन इसे पूर्ण रूप से आजादी 26 जनवरी 1950 को मिली जब भारत का संविधान लागू किया गया।
गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना सहित:
जब पहली बार भारत को अपना संविधान मिला तब से भारत हर साल 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े हर-एक संघर्ष के बारे में बताता है। भारत की पूरी आजादी (पूर्णं स्वराज) की प्राप्ति के लिये लाहौर में रावी नदी के किनारे 1930 में इसी दिन भारत की आजादी के लिये लड़ने वाले लोगों ने प्रतिज्ञा की थी। जो 15 अगस्त 1947 को साकार हुआ। 26 जनवरी 1950 को, हमारा देश भारत संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर खुद का राज था उस पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी। इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया।
gantantra diwas par nibandh hindi mein इस प्रकार हैं
गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी भी कहा जाता है जो कि हर साल मनाया जाता है ये दिन हर भारतीयों के लिये मायने रखता है क्योंकि इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया था साथ ही आजादी के लंबे संघर्ष के बाद भारतीयों को अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ की प्राप्ति हुई थी। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और इसके ढ़ाई साल बाद ये लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में स्थापित हुआ। आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। इसे पूरी तरह तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ। भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है जब इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहड़ और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है।
यहाँ Republic day essay in Hindi language स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 250, 350, 400 व 450 words (शब्दों) में देख व pdf डाउनलोड कर सकते हैं| साथ ही class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चे इन्हे अपने स्कूल फंक्शन celebration व प्रोग्राम में सुना सकते हैं| गणतंत्र दिवस पर निबंध इन हिंदी – गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध इस प्रकार हैं:
हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही 26 जनवरी 1950 को हमारा देश पूरी तरह से को लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं थल, जल, और नभ द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों केसरिया, सफेद, और हरा की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। और अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है।
गणतंत्र दिवस पर छोटा निबंध इस प्रकार हैं:
26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया। भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है। इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।
26 january par nibandh in hindi इस प्रकार है:
भारत आज लोकतंत्र की मशाल जलाते हुए दुनिया में आशा-उमंग, शांति के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे अपने भारत देश में बिना भेदभाव के हर जाति धर्म का व्यक्ति बराबरी के आधार पर मेयर से लेकर प्रथम नागरिक तक बन जाते हैं। हम विविध, विभिन्न बोली, भाषा, रंगरूप, रहन-सहन, खाना-पान, जलवायु में होने के बावजूद एकी संस्कृति की माला पिरोये हुए हैं। हमारे लोकतंत्र के प्रहरी अपने इस अवसर सपने को परिपक्वता के साथ मजबूत दीवार एवरेस्ट की चोटी से ऊंचा बना लिया है। कई उतार-चढ़ाव आए, आपातकाल भी देखा लेकिन भारत की सार्वभौमिकता बरकरार है। भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्याप्त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती। खुशियों की तमाम बातों के बावजूद आज अहम सवाल हो गया है कि राजनीतिक व्यवस्था समाज को चुस्त, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित कानून बनाया जाए और प्रत्येक नागरिक चाहे जो कोई हो बेरोजगार या अमीर, सेवादार या किसान सब अपनी प्रत्यक्ष संपत्ति जायदाद का खुलासा करें कि जो भी चल-अचल धन है वही है और अप्रत्यक्ष कहीं भी देश या विदेश में मिलने पर जब्त होगा तो सजा मिलेगी। जनतंत्र-गणतंत्र की प्रौढ़ता को हम पार कर रहे हैं लेकिन आम जनता को उसके अधिकार, कर्तव्य, ईमानदारी समझाने में पिछड़े, कमजोर, गैर जिम्मेदार साबित हो रहे हैं। चूंकि स्वयं समझाने वाला प्रत्येक राजनीतिक पार्टियां, नेता स्वयं ही कर्तव्य, ईमानदारी से अछूते, गैर जिम्मेदार हैं। इसलिए असमानता की खाई गहराती जा रही है और असमानता, गैरबराबरी बढ़ गई है। जबकि बराबरी के आधार पर ही समाज की उत्पत्ति हुई थी। 1947 में गांधी जी, ने भी बराबरी का बात कही थी लेकिन लोलुप अमानवीयता की हदें पार कर जनतंत्र-गणतंत्र को रौंद रहे हैं।
Republic day essay in hindi for class 3 : ये short essay व 5 -10 लाइन्स छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चों को write 5 lines on gantantra diwas व Republic Day Essay in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 को लिखने को कहा जाता है| इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है|
हमारी मातृभूमि भारत लंबे समय तक ब्रिटीश शासन की गुलाम रही जिसके दौरान भारतीय लोग ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों को मानने के लिये मजबूर थे, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। लगभग ढाई साल बाद भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारी संसद द्वारा भारतीय संविधान को पास किया गया। खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित करने के साथ ही भारत के लोगों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। भारत में निवास कर रहे लोगों और विदेश में रह रहे भारतीयों के लिय गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है। इस दिन की खास महत्वता है और इसमें लोगों द्वारा कई सारे क्रिया-कलापों में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इसका बार-बार हिस्सा बनने के लिये लोग इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है। गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीन पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है जिससे किसी तरह की अपराधिक घटना को होने से पहले रोका जा सके। इससे उस दिन वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है। पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानीयों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति दवारा झंडा रोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन गण” से गूँज उठता है। इस पर्व को मनाने के लिये स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बेहद उत्साहित रहते है और इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शरु कर देते है। इस दिन विद्यार्थीयों अकादमी में, खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने दोस्त, परिवार,और बच्चों के साथ सामाजिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर मनाते है। सभी सुबह 8 बजे से पहले राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम को टी.वी पर देखने के लिये तैयार हो जाते है। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।
26 january nibandh in marathi इस प्रकार हैं:
26 जानेवारी, 1 9 50 रोजी संपूर्ण भारताला दरवर्षी मोठ्या धर्माभिमानीसह साजरे केले जातात कारण याच दिवशी भारताचे संविधान लागू झाले होते. 26 जानेवारी, 1 9 50 या दिवशी, भारतीय राज्यघटनेने भारत सरकार कायदा 1 9 35 ची जागा अधिकृत कागदपत्रांच्या स्वरूपात दिली. या दिवशी भारत सरकारने एक राष्ट्रीय सुट्टी जाहीर केली आहे. भारतातील लोक आपल्या स्वत: च्या मार्गाने हा दिवस साजरा करतात. या दिवशी, भारताच्या राष्ट्राध्यक्षपदाच्या आधी नवी दिल्लीच्या राजपथ (भारत गेट) वर परेड आयोजित केले जाते.
गणतंत्र दिवस पर निबंध संस्कृत इस प्रकार है:
भारतदेशः १९४७ तमवर्षस्य आगष्ट्मासस्य १५ दिनाङ्के स्वतन्त्रः अभवत् । यदा संविधाननिर्माणकार्यं समाप्तम् अभवत् तदा संविधानम् अङ्गिकृत्य देशे १९५० तमे वर्षे जनवरीमासस्य २६ दिनाङ्के भारतदेशं प्रजाप्रभुत्वराष्ट्रामिति धोषितवन्तः ।
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आज के इस लेख में गणतंत्र दिवस पर निबंध व भाषण (26 January Republic Day Essay Speech Hindi) प्रस्तुत किया है। साथ ही इस आर्टिकल में हमने बताया है गणतंत्र दिवस भारत में क्यों मनाया जाता है?
Table of Content
26 जनवरी का समारोह भारत में विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों के छात्रों, और अन्य शिक्षण संस्थानों में विशाल और महत्पूर्ण उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
लेख को शुरू करने से पहले – आप सभी को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2023 की हार्दिक शुभकामनायें
हमने इस पोस्ट में Republic Day पर पोस्ट लिखा है जो Students को अपने अन्दर Leadership Quality बढाने में मदद करेगा और इससे उन्हें भारत के गणतंत्र दिवस के विषय में अच्छी जानकारी भी मिल जाएगी।
हमारा मात्रभूमि कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के अधीन था। उस समय अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीय लोगों को ज़बरदस्ती अपने कानून का पालन करने को कहा और ना मानाने वालों के साथ अत्याचार भी किया। कई वर्षों के संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और जीवन न्योछावर करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली।
हर साल रिपब्लिक डे मनाना भारतीय लोगों और दुसरे देशों में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। यह दिन सभी भारतीय लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है और सभी लोग बहुत ही ख़ुशी और उत्साह के साथ इस दिन को मनाते हैं।
भारत की राजधानी दिल्ली और सभी राज्यों के राजधानी में 26 जनवरी के इस उत्सव को बहुत ही बड़े तरीके से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन सबसे पहले भारतीय तिरंगे या राष्ट्रिय द्वज को भारत के राष्टपति फहराते हैं उसके बाद भारत का राष्ट गान “जन गन मन” गया जाता है।
स्कूल और कॉलेज के छात्र भी गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए उत्सुक रहते हैं इसलिए वे भी एक महीने पहले से इसकी तैयारी में लगे रहते हैं। जिन भी छात्रों ने शैक्षणिक सत्र में खेल, पढाई या अन्य कार्यक्रमों में अच्छा किया हो उन्हें 26 जनवरी के दिन पुरस्कार और सर्टिफिकेट दे कर सम्मान दिया जाता है।
हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 से स्वराज्य बन चूका है। भारत को ब्रिटिश सरकार / हुकूमत से 15 अगस्त को आज़ादी मिली थी। परन्तु हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ और हम उस दिन को पूर्ण रूप से आजादी मानते हैं इसलिए हम अपनी आज़ादी की ख़ुशी में प्रतिवर्ष यह उत्सव मनाते हैं।
इस वर्ष 2023 को हम भारतवासी, हमारे देश भारत का 73वां गणतंत्र दिवस आज मना रहे हैं। रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब होता है लोगों की सर्वोच्च शक्ति यानि की देश में लोगों के ऊपर अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार होता है।
हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों के कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात ही भारत को पूर्ण स्वराज मिला। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म सहना ना पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके।
हमारे कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेताओं के नाम हैं महात्मा गाँधी , भगत सिंह , चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल , लाल बहादुर शास्त्री। उन्होंने लगातार कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को आज़ाद कराया।
उनके इस बलिदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते हैं और उन्हें हमेशा एक महान उत्सव और समारोह के जैसे ही दिल से याद करना चाहिए क्योंकि उन्ही की वजह से आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले पा रहे हैं।
हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जिन्होंने कहा था, ” हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है जो देश में रहने वाले 320 लाख पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम जी ने कहा था कि अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त और महान और अच्छे ज्ञान वाले लोगों का बनाना है तो मुझे लगता है कि सोसाइटी से जुडी तीन चीजें है जो बदलाव ला सकते हैं। वो हैं माता, पिता, और शिक्षक। भारत देश के नागरिक होने के कारण हमें सोचना चाहिए की हम अपने देश को किस हद तक सफल बना सकते हैं।
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26 January Republic Day Essay in Hindi
26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस – Republic Day के रुप में मनाते हैं। इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से हमारा भारत देश एक लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु और समाजवादी गणराज्य बन गया था, इसलिए इस दिन को सभी भारतीय मिलजुल कर राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस का दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद सम्मानजनक एवं गौरवशाली दिन है। वहीं इस दिन की महत्वता को आज की युवा पीढ़ी को समझाने के लिए गणतंत्र दिवस के विषय पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।
इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –
26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन से हमारे देश में नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। गणतंत्र दिवस के इतिहास (Republic day History) और इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे आज हम आपको गणतंत्र दिवस पर लिखे गए निबंध (Gantantra Diwas par Nibandh) के द्धारा बताएंगे।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के काफी संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था, इससे पहले भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के अत्याचार का दंश झेलना पड़ता था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी करनी पड़ती थी।
ब्रिटिश शासक जो भी नियम कानून बनाते थे, भारतीय जनता को मजबूरीवश उनका पालन करना पड़ता था, जिसको देखते हुए हमारे देश के वीर सपूतों ने काफी वर्षों तक आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राणों की भी आहुति दे दी।
जिसके परिणामस्वरूप हमारा भारत देश, अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो सका। लेकिन, आजादी के बाद भी भारत एक स्वशासित देश नहीं था। स्वतंत्रता के करीब ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने खुद का संविधान लागू किया और भारत ने खुद को एक प्रजातांत्रिक, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।
भारतीय संविधान को हमारी संसद ने करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को पास किया और उसी दिन से हमारा देश भारत को सम्पूर्ण प्रमुख समाजवादी, लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित कर दिया गया।
इस घोषणा के बाद 26 जनवरी को हर साल भारत के लोग गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।
भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है। आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था।
डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। करीब ढ़ाई साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और काफी इंतजार के बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया।
हमारे संविधान ने देश के हर नागिरक को समान अधिकार दिए हैं, स्त्री-पुरुष में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया। सभी को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार दिया, इसके साथ ही समाज में फैली छुआछूत जैसे समस्या को जड़ से खत्म किया।
महिलाओं को अधिकार दिलवाए और देशवासियों को सर्वोच्च शक्ति प्रदान की। भारतवासियों को अपने राजनेता को चुनने का अधिकार दिया, जिससे सही दिशा में देश का विकास हो सके।
गणतंत्र दिवस के पावन मौके पर कई सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में ध्वजारोहण होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है, भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।
इसके साथ ही इस मौके पर भारत के वीर सपूतों और महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली दी जाती है। इस दिन पूरा भारत राष्ट्रगान ‘ जन-गण-मन ‘ से गूंजता है।
इसके साथ ही वंदे मातरम , जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।
भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के मौके पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वहीं भारत की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर शहीद ज्योति की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं और उन्हें श्रद्धांजली दी जाती है।
खास तौर पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है, जिसमें देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है।
इस परेड में तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल और नभ) के प्रमुख, द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके अलावा सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाता है।
परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है। इसके अलावा इस दौरान दिल्ली के राज-पथ पर अलग-अलग राज्यों की झाकियां भी निकाली जाती हैं। पुरस्कार वितरण होता है, मार्च पास्ट आदि क्रियाएं भी होती है। इसकी तैयारियां काफी दिन पहले से ही होने लगती है।
गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और हर भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है। बच्चों में इस दिन को लेकर खास उत्साह होता है।
इस दिन आयोजित कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान एवं पुरस्कार भी दिया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है।
इन दिन को लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं और देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। वहीं इस सम्मान के दिन पर हर भारतीय यह प्रण लेते है कि वो अपने संविधान की रक्षा करेंगे और देश की समरसता, शांति और सद्भाव बनाये रखेंगे और देश के विकास में अपना सहयोग करेंगे, जिससे हमारा देश भारत, सफलता की नई ऊंचाइंयों को छुए और दुनिया का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली देश बने।
जय हिन्द, जय भारत !
26 जनवरी के दिन ही हमारे भारत देश का संविधान लागू हुआ था और हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था। इसलिए इस दिन को सभी भारतवासियों द्धारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर देश के राष्ट्रपति द्धारा झंडा फहराया जाता है एवं दिल्ली के राजपथ पर भारत की तीनों सेनाओं द्धारा विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह दिन देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में भी मद्द करता है।
26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश में डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद समेत देश के कई महान नेताओं के काफी प्रयासों के बाद संविधान लागू किया गया था यानि कि भारत में कानून राज की शुरुआत हुई थी।
इसी दिन भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक, प्रजातांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित किया था। भारतीय संसद में दुनिया के इस सबसे बड़े हस्तलिखित भारतीय संविधान को करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन के बाद इसी दिन साल 1950 में पास किया गया था, तब से लेकर आज तक इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
वहीं 26 जनवरी के दिन से जुड़ा यह ऐतिहासिक तथ्य भी काफी महत्वपूर्ण है कि दिसंबर, साल 1929 में लाहौर में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
कांग्रेस के इस अधिवेशन में इस बात की घोषणा की गई कि अगर ब्रिटिश हुकूमत द्धारा 26 जनवरी, 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नहीं दिया जाता तो, इसके बाद भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा।
लेकिन बावजूद इसके 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने इस मुद्दों को लेकर जब कोई जवाब नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन से पूरी तरह से आजाद होने के लक्ष्य के साथ अंग्रेजों के खिलाफ अपने क्रांतिकारी और सक्रिय आंदोलन की शुरुआत कर दी।
26 जनवरी के दिन ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रावि नदी के तट पर तिरंगा फहराया था। जिसके बाद भारत में 26 जनवरी 1930 को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया गया था और उस दिन से 1947 तक देश को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्रता मिलने तक 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता रहा।
इसके बाद जब 15 अगस्त,1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ, तब 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
वहीं भारतीय संविधान 26 नवंबर, साल 1949 तक बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था, लेकिन भारतीय राजनेताओं ने 26 जनवरी के दिन के महत्व को समझते हुए दो महीने और रुकने का फैसला लिया।
इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया और तभी से इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाए जाने लगा।
गणतंत्र दिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि यह राष्ट्र का एक पावन पर्व है, जिसे देश में सभी जाति, लिंग, पंथ, संप्रदाय और धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है।
इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और सभी भारतीयों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के त्याग, बलिदान और समर्पण को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, जिन्होंने देश की आजादी के लेकर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए बेहद गौरवशाली और सम्मानजनक दिन है, इसलिए इसे हर भारतीय द्धारा धूमधाम से मनाया जाता है।
26 जनवरी के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर कई तरह के रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल दिल्ली के राजपथ पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह परेड गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।
दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक करीब 8 किलोमीटर की परेड आयोजित होती है। इस भव्य परेड के दौरान भारत की जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के द्धारा देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के द्धारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
इसके साथ ही इस दौरान भारतीय सेना के द्धारा इस्तेमाल किए जाने वाले उनके शक्तिशाली हथियारों का तो प्रदर्शन किया ही जाता है, साथ ही उनके शौर्य और पराक्रम को भी दिखाया जाता है।
आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को पहले गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ में नहीं बल्कि इर्विन स्टेडियम में हुई थी, जो कि अब नेशनल स्टेडियम के रुप में जाना जाता है।
उस दौरान इर्विन स्टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी, हालांकि, उसके पीछे लाल किला स्पष्ट दिखाई देता था। देश में संविधान होने के करीब 4 साल बाद तक 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कोई जगह निश्चित नहीं की गई थी, यह परेड कभी दिल्ली के लाल किले तो कभी रामलीला मैदान में होती थी।
फिर साल 1955 में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राजपथ को चुना गया और तब से लेकर आज तक दिल्ली के राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है।
गणतंत्र दिवस की गरिमा हर भारतीय को समझना चाहिए। यह पर्व सभी भारतीयों को एकसाथ जोड़ने का काम करता है। इसके साथ ही यह भारतीयों को अपने देश के प्रगति और विकास में समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। इस दिन देश के प्रत्येक नागरिक को अपने संविधान की सुरक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।
प्रस्तावना-
26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में सदभाव एवं सम्मान की भावना के साथ प्रत्येक भारतवासी बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाता है।
इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके तहत देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन से हमारा देश एक लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरेपक्ष गणराज्य बना था।
इसके साथ ही एक नए युग का सूत्रपात हुआ था। इसलिए 26 जनवरी का दिन हर भारतवासी के लिए बेहद गौरवमयी दिन है।
गणतंत्र दिवस का पर्व हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास और सम्मानजनक पर्व है। इस पर्व को सभी भारतवासी राष्ट्रीय त्योहार के रुप में मनाते हैं। यह पर्व हम सभी भारतीयों को देश के संविधान के महत्व को तो समझाने में तो मद्द करता ही है, इसके साथ ही देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
यह सभी भारतीयों के लिए एक बेहद गौरवमयी दिन है। संविधान लागू होने के बाद ही हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था और तभी से भारतवासियों को अपनी मनमर्जी से स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला लेने एवं किसी भी तरह की अव्यवस्था एवं कुरीति के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार प्राप्त हुआ था।
गणतंत्र दिवस के दिन ही भारतीयों को अपने देश के संविधान के तहत समानता, शिक्षा, अभिव्यक्ति की आजादी समेत 7 मौलिक अधिकार प्राप्त हुए थे एवं देश में कानून राज की शुरुआत हुई थी, इसलिए यह दिन सभी भारतीयों को अपने अधिकारों की भी याद दिलवाता है। इसलिए भी इस दिन का सभी भारतीयों के लिए अत्यंत महत्व है।
हमारे देश में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। देश में रहने वाले सभी जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग के लोग इस पर्व को बेहद हर्षोल्लास एवं धूमधाम से साथ मनाते हैं।
इस मौके पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों आदि में कई तरह के सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं तिरंगा फहराया जाता है।
26 जनवरी के मौके पर वंदे मातरम, जन-गण-मन, जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष हर तरफ गूंजायमान रहते हैं एवं ज्यादातर लोग देशभक्ति में डूबे नजर आते हैं। इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है।
गणतंत्र दिवस के मौके परसबसे भव्य आयोजन दिल्ली में होता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्धारा पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, फिर देश के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी ” अमर जवान ज्योति ” पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं।
इस मौके पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों एवं वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और समर्पण को भी याद किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली विशाल परेड मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।
इसमें भारत की तीनों सेनाओं द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके साथ ही इस परेड के माध्यम से भारतीय सेना की शौर्य, पराक्रम और अदम्य शक्ति के प्रदर्शन के साथ सेना के सशस्त्र बलों की ताकत का भी प्रदर्शन किया जाता है।
इसके साथ ही इस दौरान राजपथ पर देश के अलग-अलग राज्यों की खूबसूरत झांकियां भी निकलती हैं, जिसमें सभी राज्य अपने राज्य की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपरा को प्रदर्शित करते हैं। इस मौके पर राजपथ पर भारतीय संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है।
गणतंत्र दिवस को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां होने लगती हैं। इस दिन को लेकर बच्चों में खासकर काफी उत्साह रहता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के मौके पर न सिर्फ देश की सीमा में तैनात जवानों के हौसला अफजाई और उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है।
बल्कि इस दिन प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शऩ के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस तरह हमारे देश में लोग गणतंत्र दिवस का जश्न अपने-अपने तरीके से मनाते हैं एवं देश की संविधान का सम्मान करने एवं देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में अपना सहयोग देने का प्रण लेते हैं, साथ ही देश के विकास और तरक्की की कामना करते हैं।
हम सभी भारतीय बेहद सौभाग्यशाली हैं कि हमें भारत जैसे लोकतंत्रात्मक, संप्रभु, समजावादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य में रहने का मौका मिला है। जहां हम अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी सरकार चुन सकते हैं एवं किसी भी तरह के फैसले लेने को लेकर हम पूरी तरह स्वतंत्र है।
इसलिए हमें अपने राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए साथ ही अपने अपने संविधान के महत्व को समझना चाहिए और इस पर्व को आदर-सम्मान के साथ मनाना चाहिए।
गणतंत्र दिवस को पूरे देश में हर साल बेहद जोश, उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था।
इसलिए यह दिन देश के हर नागरिक के लिए बेहद खास दिन है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं बल्कि राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है, इस पर्व को देश में सभी जाति, धर्म, जाति, लिंग और संप्रदाय के लोगों द्धारा राष्ट्रीयता के पर्व के रुप में मनाया जाता है।
26 जनवरी का पर्व भारतीयों को एकजुट में रहने में भी मद्द करता है। इसके साथ ही यह पर्व हमें अपने संविधान, मौलिक अधिकारों और गणतंत्र का महत्व बताता है।
गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं –
हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है।
महान समाज सुधारक एवं अर्थशास्त्री भीमराव अंबेडकर द्धारा इसे तैयार करने में करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। आपको बता दें कि संविधान के निर्माण में कुल 22 समितियां थी, जिसमें प्रारुप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे महत्वपूर्ण समिति थी और संविधान सभा के प्रमुख अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे, जबकि जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद , सरदार वल्लभ भाई पटेल इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
भीमराव अंबेडकर जी द्धारा 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान सौंप दिया गया था। इसके बाद संविधान में कई बदलाव किए गए।
इसके बाद संविधान सभा के करीब 308 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान के दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए और फिर 26 जनवरी के दिन की गरिमा को समझते हुए संविधान को 26 जनवरी, साल 1950 में पूरे देश में लागू कर दिया गया, तब से 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे देश के प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह पर्व देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में मद्द करता है।
इसके साथ ही यह हमारे गणतंत्र का महत्व का तो एहसास करवाता ही है साथ ही संविधान की सुरक्षा एवं देश के लिए हमारे कर्तव्यों का बोध करवाता है।
इसलिए इस पर्व की गरिमा को समझते हुए हमें इस पर्व को सद्भाव और सम्मान की भावना के साथ मनाना चाहिए एवं देश के प्रगति एवं विकास में अपना सहयोग करने की शपथ लेनी चाहिए।
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Jai Ho, TAHNKS…….
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Gyan ki anmol dhara
केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi
Essay On Republic Day in Hindi: सभी भारतीयों के लिए 26 जनवरी दिवस बहुत महत्व रखता है। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत के इतिहास में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (26 January Republic Day) बहुत अत्यधिक महत्व है। दरशल भारत ने खुद के संविधान को निर्मित करके 26 जनवरी 1950 को लागू किया। संविधान को लागू होने पर संपूर्ण देश में उत्साह का वातावरण बना। इस दिन को गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) के रूप में मनाना शुरू किया गया। भारत इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट से आजाद हुआ और संविधान को लागू कर पाया। 26 जनवरी के दिन देश के गौरव लाल किले पर राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। देशहित में संबोधन दिया जाता है। देश के वीर सपूतों को याद किया जाता है। अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वतंत्रता सेनानियों को नमन, भाषण , निबंध, कला साहित्य, नृत्य आदि प्रतियोगिताएं कर देश में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है। यदि आप भी 26 January Per Nibandh Hindi Me लिखने के लिए कोशिश कर रहे हैं। तो आज आपको हम मदद करने वाले हैं।
आइए जानते हैं, 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में में कैसे लिख सकते हैं? भारत का इतिहास जो कि निबंध में लिखा जा सकता है? 26 जनवरी का महत्व है? 26 जनवरी पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम? भारतीय सेना द्वारा किए जाने वाले शौर्य कार्यक्रम की झलक को कैसे शब्दों में लिखा जा सकता है। इस संबंध में संपूर्ण विवरण आप इस लेख में जानने वाले हैं। अतः नीचे दी गई निबंध लेखन प्रक्रिया (Essay Writing Process) को ध्यानपूर्वक फॉलो करें। आप गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द से अधिक तथा गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 10 लाइन का निबंध भी पढ़ सकेंगे |
प्रस्तावना:- भारत में सन 1950 से लेकर अब तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। भारत में इस दिन राजकीय अवकाश रखता है। संपूर्ण देश में सभी राजकीय एवं प्राइवेट संस्थानों में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत ने 26 जनवरी 1950 को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों अर्थात भारत अधिनियम एक्ट को हटाकर भारत ने खुद का संविधान लागू किया था। इसी दिन को हम सभी भारतीय बड़े गर्व के साथ मनाते हैं। अब भारत स्वयं लोकतांत्रिक गणराज्य देश बन चुका है।
भारत को पूर्ण स्वराज्य की घोषणा करने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अहम भूमिका रही है। भारत में पहले लाहौर अधिवेशन में यह प्रस्तावना की गई थी कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डेमो नियम का दर्जा नहीं देगा। तो भारत पूर्ण रुप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर ब्रिटिश सरकार का 1930 तक कोई निर्णय नहीं आने पर भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित कर दिया गया। भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसंबर 1929 में किया गया।
15 अगस्त 1947 को संपूर्ण देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। इस दिन को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। परंतु अब तक भारत में देश का संविधान लागू नहीं था। कुछ अंग्रेजों के अधिनियम के आधार पर ही देश में कानून व्यवस्था सुचारु रुप से जारी थी। कुछ समय बाद 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की गई। इस सभा में निर्णय लिया गया कि भारत का खुद का संविधान होना चाहिए। भारत के संविधान लिखने की जिम्मेदारी बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दी गई। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिनों की अथक मेहनत के बाद भारत को अक्षुण संविधान बना कर दिया। 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को देशहित में लागू किया गया। इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष में राष्ट्रीय उत्सव हर्षोल्लास से मनाता है।
9 दिसंबर 1947 की सभा में देश के लिए संविधान लिखने की बात पर अमल किया जा रहा था। संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गई। जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर , सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि सदस्य शामिल थे। भारत का संविधान निर्माण करने में जनता तथा प्रेस को भी शामिल किया गया। भारत का संविधान लिखने की जिम्मेदारी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सौंपी गई। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने अथक मेहनत से 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन के भीतर भारत को गौरवान्वित करने वाला संविधान लिख दिया। जिसे 26 जनवरी 1950 को देश हित में लागू कर दिया गया। भारत का संविधान लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रही। बाबा साहेब की मेहनत से भारत खुद के संविधान लिखने व लागु करने में सफल हुआ।
26 जनवरी भारत के इतिहास में स्वर्णिम स्थान रखता है। इस दिन संपूर्ण देश में उत्साह का माहौल रहता है। राजकीय कार्यों का अवकाश रखा जाता है। देश हित में राष्ट्रीय पर्व को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। गत 2 वर्षों में महामारी के चलते 26 जनवरी कार्यक्रम को सीमित उपस्थिति में सम्पन्न किया गया। गत 2 वर्षों में विदेशी मेहमानों को सीमित मात्रा में न्योता दिया गया। संपूर्ण देश इस कार्यक्रम को लाल किले से न्यूज़ चैनल के माध्यम से लाइव देखता रहा। 26 जनवरी 2024 को लाल किले पर होने वाले झंडारोहण को राष्ट्रपति द्वारा सम्पन्न किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा देश हित में संबोधन दिया जाता है। इसी के साथ भारत के सम्मानीय प्रधानमंत्री ( नरेंद्र मोदी ) द्वारा भी जनता को संबोधित किया जाता है। इसी के साथ भारत की तीनों सेनाओं (जल-थल-नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेती है, तथा ध्वजारोहण कर रहे राष्ट्रपति को सलामी देती है। भारत की तीनों सेनाओं द्वारा शौर्य का परिचम लहराया जाता है। 26 जनवरी 2024 के दिन सभी प्राइवेट/ निजी संस्थाएं एवं राजकीय दफ्तरों में झंडारोहण किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते है। राष्ट्रगान का उद्घोष किया जाता है।
26 जनवरी 2024 संपूर्ण देश 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन संपूर्ण देश में तिरंगा झंडा लहराता है तथा झंडारोहण के साथ-साथ राष्ट्रीय गान का उद्घोष किया जाता है। भारत का प्रत्येक बच्चा-बच्चा इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है। अपने देश में मनाने जाने वाले राष्ट्रीय पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी के दिन छोटे बच्चे संस्कृति कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हिंदी इंग्लिश तथा अपने क्षेत्रीय भाषाओं में भाषण देते हैं। देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी के दिन उपस्थित सभी मेहमानों के स्वागत एवं सम्मान में संबोधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat) का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ भारत में गणतंत्र दिवस हर साल अन्य देशों से भी मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है।
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Q. 26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा.
Ans. 26 जनवरी 2024 को भारत में 75वा गणतंत्रता दिवस मनाया जाएगा।
Ans. भारत 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पांच मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया जा सकता हैं।
Ans. भारत में रिपब्लिक डे 26 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। आज से 74 साल पहले भारत ने अंग्रेजों के अधिनियम एक्ट को हटाकर खुद का संविधान लागू किया था। 26 जनवरी 1950 का वह ऐतिहासिक दिन भारत के लिए गौरवपूर्ण इतिहास बन चुका है। उस दिन को आज भी 26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
Ans. भारत का संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखा गया था।
Ans. भारत का संविधान लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
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आज हम आपको 26 जनवरी के बारे में बताने वाले हैं हमारे भारत देश के तीन बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है 26 जनवरी। हमारे भारत में 26 जनवरी को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, 26 जनवरी वह दिन है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यही मुख्य कारण है कि 26 जनवरी को हमारे देश के सम्मान और आत्म गौरव के साथ भी जोड़ा जाता है, इस दिन पूरे भारतवर्ष में अनेकों प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं l
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू किया गया था और भारत के सभी कानून इसी दिन लिखे गए थे, 26 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं, और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है, इस दिन सभी कार्यालय है सभी विद्यालय हर एक चीज भारत में बंद रहती है l
इसके अतिरिक्त गांधी जयंती तथा स्वतंत्रता दिवस पर भी राष्ट्रीय अवकाश रखी जाती है। भारतीय सांसद में संविधान लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन चुका है।
26 जनवरी के तीन भारतीय सेना के द्वारा एक भव्य परेड की जाती है, जय परेड विजय चौक से आरंभ की जाती है और इंडिया गेट तक यह परेड की जाती है। इस दौरान हमारे भारत की ही तीनों प्रमुख सेनाओं ( थल सेना, वायु सेना, जल सेना ) के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, इसके साथ-साथ सेना के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों तथा टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो कि हमारे राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक माना जाता है l
आर्मी परेड के पश्चात देश के सभी राज्यों में झांकियों के द्वारा अपने संस्कृति और परंपरा भी प्रस्तुत की जाती है, इसके पश्चात भारत की वायु सेना के द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंग ( केसरिया, सफेद, हरा ) की तरह आसमान से फूलों की वर्षा की जाती है l
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और दिल्ली में भव्य कार्यक्रम के आयोजन के साथ साथ देश के हर कोने में गणतंत्र दिवस को बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है l देश के सभी स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और देश के झंडे को फहराया जाता है l चाहे कोई स्कूल बड़ा हो या फिर छोटा हो सभी स्कूलों में गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता है l
गणतंत्र दिवस हमारे जीवन में बहुत अहमियत रखता है क्योंकि हम आज जिस आजाद देश में हैं वह बहुत मुश्किलों के बाद हमें मिला है हमारे देश ने बहुत वीर जवानों को खोया है उसके बाद ही हमारा देश आजाद हुआ है और संविधान बना है l
होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)
हमारे देश के महापुरुषों ने बलिदान दिया है जिनका एहसान हम कभी भी नहीं चुका सकते l गणतंत्र दिवस इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारा संविधान बना था हमारा संविधान हमें यह याद दिलाता है, कि कैसे महापुरुषों ने देश का संविधान बनाने के लिए एक और देश को आजाद बनाने के लिए अपना बलिदान दिया था इसीलिए बहुत मन से पूरे देश में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है l
हमारे भारतवर्ष में 26 जनवरी के दिन बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ पर्व मनाया जाता है, यह उत्सव हमारे भारत का एक लोकतांत्रिक राज्य होने के लिए मनाया जाता है l
इस परेड में भारत की तीनों सेना उपलब्ध रहती हैं,जैसे कि वायु सेना थल सेना और जल सेना और यह है, तीनों सेना अपने सभी अस्त्र और शस्त्र का प्रदर्शन भी जोरों शोरों से करते हैं और लोगों को प्रेरित करते हैं, यह दृश्य बहुत ही ज्यादा आकर्षक हो जाता है और इस पेड़ को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी बहुत ही ज्यादा हो जाती है l
देश की सेवा करने की भी प्रेरणा दी जाती है, भारत देश में आजादी के पश्चात एकता के अस्तित्व को दिखाने के लिए हर एक शहर में कार्यक्रम किए जाते हैं और 26 जनवरी के दिन तरह-तरह की झांकियां भी निकाली जाती हैं l
सभी के द्वारा अलग-अलग तरह के प्रदर्शन किए जाते हैं, और भारत की वायु सेना के द्वारा आकाश में हमारा राष्ट्रीय झंडा भी बनाया जाता है, और इसके अतिरिक्त आकाश में रंग बिरंगे गुब्बारे भी छोड़े जाते हैं, जो कि केसरिया सफेद और हरे रंग के होते हैं, जो कि हमारे भारत देश के झंडे की तरह दिखते हैं l
इसीलिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन के पश्चात भारत में 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया, और तभी से हमारे भारत देश में 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा।
Republic day essay in hindi.
हर साल गणतंत्र दिवस की तैयारी कई महीनों पहले ही शुरू कर दी जाती हैं, और हर एक चीज का ध्यान रखा जाता है कि किसी भी प्रकार की कोई अपराधिक घटना घट जाए, और 26 जनवरी के दिन उपस्थित होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजाम पहले ही सरकार के द्वारा कर दिया जाता है l
इस दिन भारत के हर एक राज्य में हमारा राष्ट्रीय तिरंगा फहराया जाता है, और दिल्ली में राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया जाता है, और तीनों सेनाओं के द्वारा हमारा राष्ट्रीय गान “जन गण मन” गाया जाता है जब हमारे राष्ट्रीय गान गाया जाता है, तो तब पूरा वातावरण राष्ट्रीय गान की आवाज से गूंज उठता है, और वह लोगों को देश के प्रति बहुत ही ज्यादा प्रोत्साहित करता है l
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपने आप से एक वादा करना चाहिए कि हम अपने देश में संविधान को बनाए रखेंगे और कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे संविधान टूटे, और हम अपने देश में शांति बनाए रखेंगे, और हम अपने देश के विकास में सहयोग देंगे।
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नमस्ते, HindiParichay.com में आज हम गणतंत्र दिवस पर कुछ लाइनें और पंक्तियाँ अर्थात, “in English, Few Lines on Republic Day in Hindi ” के विषय के ऊपर चर्चा करेंगे। तो लेख को अंत तक पूरा पढ़ें और गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार, गणतंत्र दिवस पर भाषण, गणतंत्र दिवस पर शेर, गणतंत्र दिवस पर शायरी, गणतंत्र दिवस पर कविता और गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में इत्यादि की जानकारी प्राप्त करें।
नमस्कार, आज के इस लेख में आपको गणतंत्र दिवस पर कुछ लाइनें मिलेंगी जिन्हें पढ़ने के बाद आपको एक आत्मविश्वास आ जाएगा जिसके चलते आप इन लेखों को विद्यालयों, कॉलेजों, समारोह आदि में व्यक्त कर सकते हैं। हमने केवल आपके लिए गणतंत्र दिवस पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली लाइन लिख रहे हैं। बच्चों, बड़ों सभी के लिए गणतंत्र दिवस के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लाइन निम्नलिखित है। भारतीय गणतंत्र दिवस पर विद्यालयों, कॉलेजों आदि में इस्तेमाल की जाने वाली लाइन है। आप इन लाइन का प्रयोग किसी भी समारोह में कर सकते हैं, विद्यालयों, कॉलेजों, राजनीति भाषण आदि में आपको इस लाइन की बहुत जरूरत पड़ेगी।
1. 👉 भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है।
2. 👉 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ।
3. 👉 भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना गया है।
4. 👉 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ।
5. 👉 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है।
6. 👉 इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं व अपने तरीके से गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाते है।
7. 👉 गणतंत्र दिवस जैसे अवसर पर भारत के राष्ट्रपति लालकिले से देश को सम्बोधित करते हैं।
8. 👉 इस पूरे आयोजन को भारत के राष्ट्रीय चैनल पर प्रकाशित किया जाता है।
9 . 👉 राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के उपरांत राष्ट्रगान गाया जाता है।
10. 👉 26 जनवरी के दिन वीर चक्र, परमवीर चक्र जैसे राष्ट्रीय सम्मान वितरित किये जाते हैं।
10 lines on 26 january in hindi.
1). 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है।
2). इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं।
3). इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति लाल किले से देश को सम्बोधित करते हैं।
4). इस पूरे आयोजन को भारत के राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया जाता है।
5). राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के उपरांत राष्ट्रगान गाया जाता है।
6). 26 जनवरी के दिन वीर चक्र, परमवीर चक्र जैसे राष्ट्रीय सम्मान वितरित किये जाते हैं।
7). 26 जनवरी के दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अवकाश होता है।
8). स्कूल-कॉलेजों में गायन, नृत्य आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
9). यह राष्ट्रीय पर्व हमें देश की एकता और गौरव को बनाये रखने की प्रेरणा देता है।
10). हम सभी को संविधान के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
10 lines on 26 january 2022 in hindi.
10 lines essay on republic day in hindi.
जनवरी के दिन दिल्ली के इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं। इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति लाल किले से देश को सम्बोधित करते हैं। इस पूरे आयोजन को भारत के राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के उपरांत राष्ट्रगान गाया जाता है।
26 जनवरी के दिन वीर चक्र, परमवीर चक्र जैसे राष्ट्रीय सम्मान वितरित किये जाते हैं। 26 जनवरी के दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अवकाश होता है। स्कूल-कॉलेजों में गायन, नृत्य आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। यह राष्ट्रीय पर्व हमें देश की एकता और गौरव को बनाये रखने की प्रेरणा देता है। हम सभी को संविधान के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
26 जनवरी को पूरा भारत अपने गणतंत्र दिवस को मनाता है। लोगों को 26 जनवरी का त्यौहार अपने तरीके से मनाना बहुत पसंद है। 26 जनवरी को घर के बड़े लोग प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति अन्य सभी बड़े मंत्रियों के भाषण आदि को सुनने में इंटरेस्टिंग होते हैं। 26 जनवरी के दिन भारत के नियम लागू हुए थे। 26 जनवरी 1949 को भारतीय संविधान अपनाया गया था । 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू हो गया था।
मेरे प्यारे देश वासियों, मैं उम्मीद करता हूँ आपको हमारा यह लेख बहुत ही अच्छा लगा होगा तो देरी ना करें। गणतंत्र दिवस के 10 वाक्य आप अपने मित्रों रिश्तेदारों सगे संबंधियों आदि में शेयर कर सकते हैं। गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर आप भी भारत के लिए देशभक्ति दिखा सकते है, आप अपने इन वाक्य को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर विद्यालय में समारोह कॉलेज आदि में होने वाले समारोह में सभी लोगों को सुनाकर अच्छा नाम कमा सकते है। तो देरी ना करें आप Few Lines on Republic Day in Hindi को व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर अन्य सभी सोशल साइट पर शेयर कर सकते हैं।
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26 January Essay in Hindi- 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में. In this article, we are providing 26 January Essay in Hindi 26 जनवरी पर निबंध | nibandh। Essay in 200, 300, 500 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. Speech on 26 January & Gantantra Diwas par Nibandh.
दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Republic Day Essay in Hindi ( Gantantra Diwas | 26 january par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.
गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day Essay in hindi) - भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 ...
गणतंत्र दिवस 2024 पर निबंध (Republic Day Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 9, 2024. भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, 26 जनवरी । 26 जनवरी को ...
गणतंत्र दिवस विश करने के मैसेज, बधाई सन्देश, स्लोगन. 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में | Republic Day 2023 Speech in Hindi. गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक ...
Republic Day Essay in Hindi: भारत 26 जनवरी 2024 को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर अपना 75वां गणतंत्र ...
गणतंत्र दिवस पर निबंध - 26 जनवरी पर निबंध 2021 - Republic Day Essay in Hindi - Gantantra Diwas par Nibandh. (Paragraph, 10 Lines, anuched , Lekh) Essay on Gantantra Diwas in Hindi : दोस्तों आज हमने गणतंत्र दिवस पर ...
गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) - 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारत का गणतंत्र दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है जब 1950 में भारत के संविधान को लागू ...
गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध (Republic Day Parade Essay in Hindi) By मीनू पाण्डेय / January 9, 2024. गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस मौके पर होने ...
गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन. 1. भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है।. 2. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से ...
26 January Essay in Hindi | Gantantra Diwas Essay in Hindi - दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी
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November 8, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. गणतंत्र दिवस पर निबंध 2024 Essay On Republic Day In Hindi And English: Our India is a democratic country since 26 January 1950. गणतंत्र दिवस निबंध On 26 January our constitution was applied all over India. Remembering this day we ...
गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - देश की प्रतिष्ठा और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाला त्योहार हमारा 75वां गणतंत्र दिवस इस साल 26 जनवरी को पूरे देश में मनाया ...
Republic Day Essay in Hindi गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 15 लाइन, गणतंत्र दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में, गणतंत्र दिवस पर निबंध 10 लाइन, गणतंत्र दिवस पर निबंध 250 शब्द, गणतंत्र ...
26 जनवरी गणतंत्र-दिवस (26 January Republic Day) १५ अगस्त, १९४७ को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था, पर हमारे देश में हमारा अपना संविधान २६ जनवरी, १९५० को लागू किया गया था। इसी दिन ...
Republic Day essay in Hindi For Class 5,6,7,8. गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी भी कहा जाता है जो हर साल पूरे भारत में मनाया जाता है. इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित ...
26 January Republic Day Essay in Hindi / Speech २६ जनवरी पर निबंध व भाषण मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों की गाथाओं से ...
Essay on republic day in hindi - 400 words - लघु निबंध | गणतंत्र दिवस essay in hindi. Republic day essay in hindi for class 3: ये short essay व 5 -10 लाइन्स छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा ...
बिजय कुमार May 2, 2022. आज के इस लेख में गणतंत्र दिवस पर निबंध व भाषण (26 January Republic Day Essay Speech Hindi) प्रस्तुत किया है। साथ ही इस आर्टिकल में हमने बताया है ...
Republic Day 2022 in Hindi Short Essay. 1. 👉 प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। 2. 👉 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया था।
26 January Republic Day Essay in Hindi. 26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस - Republic Day के रुप में मनाते हैं। इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से हमारा ...
26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Essay On Republic Day in Hindi, 10 lines (कक्षा-3 से 8 के लिए निबंध) Essay On Republic Day in Hindi: सभी भारतीयों के लिए 26 जनवरी दिवस बहुत महत्व रखता है ...
Gantantra Diwas Par Nibandh (Republic Day Essay In Hindi) 26 जनवरी का दिन खास तौर पर सरकारी कार्यालयों तथा विद्यालय में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, और इसी उपलक्ष में भाषण निबंध लेखन ...
Republic Day Lines in Hindi for Class 1 10 Lines Essay on Republic Day in Hindi. 26 जनवरी के दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अवकाश होता है। ... Top 20 Lines on 26 January Essay in Hindi.